राज्य सरकार ने कोर्ट में बताई आर्थिक स्थिति की व्यथा, कहा- अब फंड नहीं  

The state government told the agony of the financial situation in the court, said - no funds now
राज्य सरकार ने कोर्ट में बताई आर्थिक स्थिति की व्यथा, कहा- अब फंड नहीं  
राज्य सरकार ने कोर्ट में बताई आर्थिक स्थिति की व्यथा, कहा- अब फंड नहीं  

डिजिटल डेस्क, नागपुर। प्रदेश सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में अपनी खराब आर्थिक स्थिति की व्यथा बताई है। राज्य सरकार के अनुसार, कोरोनाकाल में सरकार ने अपनी अधिकांश रकम स्वास्थ्य सेवाओं में लगा दी है। इसलिए ठेकेदारों को भुगतान करने में परेशानी हो रही है। अब इस मसले पर स्वयं राज्य के महाधिवक्ता कोर्ट में सरकार का पक्ष रखेंगे। महाआईटी ने यह उत्तर एलएंडटी कंपनी के उस आरोप पर दिया है, जिसमें कंपनी ने महाआईटी द्वारा समय पर भुगतान न करने का आरोप लगाया है।

सार्वजनिक न करें अपना विवाद : कंपनी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सुनील मनोहर ने कोर्ट से प्रार्थना में कहा कि कंपनी का करोड़ों रुपए राज्य सरकार पर बकाया है। ऐसे में प्रशासन के सबसे वरिष्ठ अधिकारी अर्थात मुख्य सचिव स्वयं कंपनी के पदाधिकारियों के साथ बैठक लेकर इसका हल निकालें। कोर्ट उन्हें यह आदेश दे,  लेकिन न्या.सुनील शुक्रे और न्या.अनिल किल्लोर की खंडपीठ ने स्पष्ट कर दिया कि यह मुद्दा पूर्णत: कंपनी और सरकार के बीच कांट्रैक्ट का है। इसलिए कोर्ट कोई आदेश जारी नहीं करेगा। बेहतर होगा कि दोनों पक्ष इस मुद्दे को सार्वजनिक मंच पर उछालने की जगह अापस में ही सुलह कर लें। मुख्य सचिव को भी सलाह दी जाती है कि वे इस बैठक की अध्यक्षता करें। हाईकोर्ट ने इस आदेश के साथ मामले की सुनवाई 4 सप्ताह तक स्थगित कर दी है। 

यह था विवाद : दरअसल, कुछ दिन पूर्व  शहर के चौराहों और सार्वजनिक स्थलों पर लगे 3700 सीसीटीवी का रख-रखाव करने वाली एलएंडटी कंपनी ने नागपुर पुलिस को फुटेज देने से इनकार कर दिया था। फंड का भुगतान न होने से कंपनी ने यह कदम उठाया था। इस मामले को न्यायालयीन मित्र श्रीरंग भंडारकर व उनके सहयोगी एड.मनीष शुक्ला ने कोर्ट में उठाया, तब हाईकोर्ट ने कंपनी को आदेश दिए थे कि वे फौरन पुलिस को फुटेज उपलब्ध कराएं। ""

Created On :   17 July 2021 4:41 PM IST

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