दिल्ली से पहुंची टीम ने कोरोना से मौत का कारण ढूंढने की खानापूर्ति

The team arrived from Delhi to find the cause of death from Corona
दिल्ली से पहुंची टीम ने कोरोना से मौत का कारण ढूंढने की खानापूर्ति
दिल्ली से पहुंची टीम ने कोरोना से मौत का कारण ढूंढने की खानापूर्ति

डिजिटल डेस्क, नागपुर। देश में कोरोना संक्रमितों की संख्या और इस महामारी से मृत्युदर भी घट रही है। राज्य में मृत्युदर 2.52 प्रतिशत है, जबकि सिर्फ नागपुर में मृत्युदर 3.08 प्रतिशत है। यह मृत्युदर चिंता का विषय है। इसकी जांच के लिए जिले में केंद्रीय स्वास्थ्य विभाग की टीम आई, लेकिन कोरोना मरीजों की उपचार में लगे मेडिकल व मेयो अस्पताल की जांच न कर मेयो, मेडिकल और महानगरपालिका के अधिकारियों से उपसंचालक कार्यालय में चर्चा की। इस तरह कोरोना मृत्युदर पर खानापूर्ति की गई। नागपुर के स्वास्थ्य विभाग व्यवस्था की जांच की। कोरोना उपाय योजना करने में प्रशासन असफल रहा, यह बात इस चर्चा से सिद्ध हो गई। लगातार बढ़ रही मौतों की संख्या का मुख्य कारण यह भी है कि निजी अस्पतालों से काफी गंभीर स्थिति में मरीज मेयो और मेडिकल अस्पताल में रेफर किए गए। इस विषय पर तथ्य सामने आने  पर नोटिस जारी करने के लिए कहा। 

सभी विषयों पर स्वास्थ्य उपसंचालक कार्यालय में की चर्चा
देरी से पहुंचे : दिल्ली से नागपुर पहुंची केंद्रीय स्वास्थ्य टीम में डॉ. सुजित कुमार सिंह, डॉ. संकेत कुलकर्णी और डॉ. रंजीन कौशिक शामिल थे। दस्ते को सुबह 10.30 बजे नागपुर पहुंचना था, लेकिन टीम को पहुंचने में ही 12 बज गए। एक बजे उपसंचालक कार्यालय में टीम पहुंची। वहां पहले से ही मेडिकल के प्रभारी डीन डॉ. आर. पी. सिंह, डॉ. प्रशांत पाटील, डॉ. राजेश गोस्वामी, डॉ. वासुदेव बारसागडे, डॉ. जयेश मुखी, डॉ. मुरारी सिंह के साथ जिला शल्य चिकित्सक डॉ. देवेंद्र पातुरकर, स्वास्थ्य उपसंचालक डॉ. संजय जायस्वाल, डॉ. धकाते, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.दीपक सेलोकर, मेयो के डॉ. दिलीप जाधव, डॉ. प्रशांत बागड़े के साथ अन्य संस्था के अधिकारी उपस्थित थे। 

मरीज कम, बेड ज्यादा 
कोविड मरीजों के लिए कोर्ट के आदेश के अनुसार, हजार बेड आरक्षित किए गए हैं, जबकि वर्तमान में सिर्फ 40-45 मरीज ही भर्ती हैं। इससे नॉन-कोविड मरीजों को भर्ती करने में परेशानी हो रही है। यह विषय टीम को बताया गया। उन्होंने इस समस्या से निपटने के लिए एक समिति बनाने का विकल्प रखा है। टीम सिफारिश करेगी कि कोविड मरीज कम होने से बेड के आरक्षण को कम किया जाए। इसके बाद स्वास्थ्य मंत्रालय इस बारे में गाइड लाइन जारी करेगा। 

देरी से पहुंचे
 दिल्ली से नागपुर पहुंची केंद्रीय स्वास्थ्य टीम में डॉ. सुजित कुमार सिंह, डॉ. संकेत कुलकर्णी और डॉ. रंजीन कौशिक शामिल थे। दस्ते को सुबह 10.30 बजे नागपुर पहुंचना था, लेकिन टीम को पहुंचने में ही 12 बज गए। एक बजे उपसंचालक कार्यालय में टीम पहुंची। वहां पहले से ही मेडिकल के प्रभारी डीन डॉ. आर. पी. सिंह, डॉ. प्रशांत पाटील, डॉ. राजेश गोस्वामी, डॉ. वासुदेव बारसागडे, डॉ. जयेश मुखी, डॉ. मुरारी सिंह के साथ जिला शल्य चिकित्सक डॉ. देवेंद्र पातुरकर, स्वास्थ्य उपसंचालक डॉ. संजय जायस्वाल, डॉ. धकाते, जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ.दीपक सेलोकर, मेयो के डॉ. दिलीप जाधव, डॉ. प्रशांत बागड़े के साथ अन्य संस्था के अधिकारी उपस्थित थे। 

नियमों के पालन का निर्देश 
केंद्रीय टीम ने नागपुर जिले के साथ नागपुर शहर की कोरोना उपायों की जानकारी ली। संक्रमित मरीजाें की मृत्युदर पर चिंता व्यक्त की। कोरोना रोकने के लिए आवश्यक उपाय योजना की जानकारी दी। स्वास्थ्य प्रणाली में कड़े कदम उठाने, जांच संख्या बढ़ाने, आइसोलेटेड मरीजों पर नजर रखने साथ ही कोरोना के नियमों का पालन करने के निर्देश पथक ने दिए।

सबसे कम मृत्युदर गोंदिया में
नागपुर विभाग में भंडारा में मृत्युदर 2.45 प्रतिशत है, जबकि नागपुर जिले की मृत्युदर 2.50 प्रतिशत है। वर्धा जिले में 2.88, चंद्रपुर में 1.77, गड़चिरोली में 1.33, गोंदिया में 1.23 प्रतिशत है। इस प्रकार सबसे कम मृत्युदर गोंदिया की है, जबकि सबसे अधिक नागपुर जिले में है।

Created On :   9 Feb 2021 10:31 AM IST

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