सतपुड़ा के पर्वतों को पार कर जीवनसाथी की तलाश में मेलघाट पहुंची बाघिन 

The tigress reached Melghat in search of life partner after crossing the mountains of Satpura
सतपुड़ा के पर्वतों को पार कर जीवनसाथी की तलाश में मेलघाट पहुंची बाघिन 
45 दिन में 250 किमी का सफर सतपुड़ा के पर्वतों को पार कर जीवनसाथी की तलाश में मेलघाट पहुंची बाघिन 

डिजिटल डेस्क, अमरावती।  सतपुड़ा की पर्वत श्रंृखलाओं के साथ तीन महामार्ग और चार जिलों के 11 वन्यक्षेत्रों को पार कर यदि कोई युवती जीवनसाथी की तलाश में मेलघाट पहुंची हो तो कोई आश्चर्य की बात नहीं लेकिन यदि कोई बाघिन ऐसा करे तो चर्चा होना स्वाभाविक है। कुछ ऐसा ही हुआ है मेलघाट के व्याघ्र प्रकल्प में जहां पर एक बाघिन जीवनसाथी की तलाश में 250 कि.मी. का सफर लगभग 45 दिन में तय कर पहुंची है।  मध्यप्रदेश स्थित सतपुड़ा व्याघ्र अभयारण्य से एक चार वर्षीय बाघिन चार जिलों के 11 वन्य क्षेत्रों को पार कर मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प में पहुंचने की जानकारी वनविभाग से मिली है। वनविभाग की ओर से जारी की गई अधिकारीक जानकारी के अनुसार पहली बार इस बािघन को 31 जनवरी को यहां देखा गया था। उसके गले में लगाए गए कॉलर आईडी से उसके मेलघाट पहुंचने की पुष्टि हुई है। 

सतपुड़ा पर्वतीय क्षेत्र से चलते हुए बाघिन अमरावती के मेलघाट जंगलों में पहुंची थी। घने जंगलों से गुजरने के कारण उसका संपर्क सेटेलाइट से टूट गया था। बाघिन के मेलघाट में दाखिल होने की पुष्टि उस वक्त हुई, जब बाघिन का चित्र 31 जनवरी को मेलघाट अभ्यारण्य के सोनाला वनरेंज में लगे एक कैमरे ने कैद कर लिया। बाघिन के चित्र को ध्यान से देखा गया तो यह बाघिन मेलघाट में मौजूद अन्य बाघों में से मेल नहीं खा पाईं। इसके बाद स्थानीय वनाधिकारियों ने इस बाघिन के मौजूदगी की जानकारी सतपुड़ा व्याघ्र प्रकल्प के अधिकारियों को दी। सतपुड़ा के अधिकारियों ने बाघिन के गले में लगे ट्रैकिंग पट्टे से उसकी शिनाख्त की। 

यह चार वर्षीय बाघिन 250 किमी का सफर कर सतपुड़ा व्याघ्र प्रकल्प से मेलघाट के अंबाबराव व्याघ्र प्रकल्प में पहुंची है। इस बाघिन ने होशंगाबाद हरदा, खंडवा और बुरहानपुर जिलों के 11 वन परिक्षेत्रों का भी भ्रमण किया। यह बाघिन मूलरूप से मध्यप्रदेश बांधवगढ़ व्याघ प्रकल्प की बताई जा रही है। जो एक वर्ष ही पूर्व सतपुड़़ा व्याघ्र प्रकल्प में दाखिल हुई थी। तब से इसकी निगरानी सतपुड़ा व्याघ्र प्रकल्प की ओर से की जा रही थी। सैटेलाइट से संपर्क टूटने से इसे ट्रैक करने में दिक्कत हो रही थी। बाघिन द्वारा किए गए इस 250 किमी के सफर  से सातपुड़ा और मेलघाट के बीच बाघों के भ्रमण मार्ग की मौजूदगी भी स्पष्ट हो गई है। बाघिन के मेलघाट के जंगलों में आने से वन्यप्रेमियों में उत्साह की लहर है।

सतपुड़ा से मेलघाट पहुंची है बाघिन 
मध्यप्रदेश के सतपुड़ा व्याघ्र प्रकल्प से निकलकर मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प में एक बाघिन के पहुंचने की पुष्टि हुई है। वह अपने ने लिए योग्य साथी की तलाश करते हुए यहां पहुंची है। व्याघ्र प्रकल्प के कैमरों ने उसके चित्र एकत्रित किए हैं।  - नवलकिशोर रेड्डी, उपवनसंरक्षक, मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प  
 

Created On :   9 Feb 2022 12:15 PM IST

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