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कुलगुरु और विभाग प्रमुख में ठनी, मामला पहुंचा हाईकोर्ट

डिजिटल डेस्क, नागपुर । राष्ट्रसंत तुकड़ोजी महाराज नागपुर विश्वविद्यालय में कुलगुरु डॉ.सुभाष चौधरी और पीजी पॉलिटिकल साइंस विभाग प्रमुख डॉ.मोहन काशिकर में ठन गई है। कुलगुरु विरुद्ध विभाग प्रमुख का यह विवाद बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ तक पहुंच गया है। दरअसल, कुलगुरु डॉ.चौधरी ने बीते सितंबर में डॉ.काशिकर को कैंपस स्थित पोस्ट ग्रेजुएट टीचिंग डिपार्टमेंट (पीजीटीडी) के कार्यकारी अधिकारी का अतिरिक्त जिम्मा संभालने के निर्देश दिए थे, लेकिन डॉ.काशिकर ने निजी कारणों का हवाला देते हुए इससे इनकार कर दिया। कुलगुरु इससे नाराज हो गए। उन्होंने तुरंत डॉ.काशिकर को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा कि वे विवि द्वारा दी गई जिम्मेदारी से कैसे इनकार कर सकते हैं? इस पर डॉ.काशिकर ने जवाब दिया, लेकिन कुलगुरु संतुष्ट नहीं हुए। डॉ.काशिकर से दोबारा स्पष्टीकरण मांगा गया। दूसरी बार स्पष्टीकरण देने के बाद भी कुलगुरु संतुष्ट नहीं हुए। विवि अधिनियम, ऑर्डिनेंस अौर कानूनी सलाह के बाद डॉ.काशिकर को काम में लापरवाही का दोषी करार दिया गया। उन्हें दो प्रकार की सजा दी गई। एक तो उन्हें पॉलिटिकल साइंस विभाग प्रमुख पद से तुरंत हटा दिया गया। साथ ही एक वर्ष की वेतनवृद्धि भी रोक दी गई।
सहानुभूति पूर्वक विचार करें : मामले में हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनकर डॉ.काशिकर को विभाग प्रमुख बने रहने के आदेश दिए हैं। साथ ही विश्वविद्यालय को नोटिस जारी कर 3 सप्ताह में जवाब मांगा। तब तक डॉ.काशिकर को भी विवि कुलगुरु को निवेदन सौंप कर यह विवाद विश्वविद्यालय स्तर पर ही सुलझा लेने के आदेश दिए हैं। हां, यदि कुलगुरु राहत न दें तो फिर हाईकोर्ट मामले की समीक्षा करेगा। मौखिक टिप्पणी में हाईकोर्ट ने नागपुर विवि कुलगुरु को कहा है कि इस प्रकार के विवाद में "मेरिट" वाले व्यक्ति के साथ अन्याय न हो, इस पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने की जरूरत है। विवि की ओर से एड.सुधीर पुराणिक ने पक्ष रखा।
हाईकोर्ट की शरण ली : डॉ.काशिकर ने कुलगुरु के फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट की शरण ली। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता फिरदौस मिर्जा ने विवि के इस फैसले को त्रुटिपूर्ण बताया। एड.मिर्जा ने दलील दी कि बगैर जरूरी प्रक्रिया पूरी किए, विवि कुलगुरु ने डॉ.काशिकर के खिलाफ एकतरफा फैसला दे दिया है। इससे न केवल डॉ.काशिकर की विवि के कार्यकाल पर बुरा असर पड़ा है, बल्कि आगामी करियर की संभावनाओं पर भी काले बादल मंडरा रहे हैं। डाॅ.काशिकर अन्य दो विश्वविद्यालयों के कुलगुरु पद की रेस में हैं। उन्होंने कुछ राउंड भी पार कर लिए हैं, लेकिन उन्हें नागपुर विवि से एनओसी की जरूरत है। कुलगुरु से हुए इस विवाद के कारण उनके आगामी अवसर बाधित हो सकते हैं। ऐसे में याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से विवि के फैसले पर स्थगन देने की प्रार्थना की।
Created On :   17 Jun 2021 12:16 PM IST