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अद्भुत खगोलीय घटनाएं लेकर आ रहा है वर्ष 2021

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर । वर्ष 2021 में पृथ्वी के समीप से गुजरने वाले लघुग्रहों की सूची वैसे तो काफी बड़ी है लेकिन इनमें से पृथ्वीवासियों के लिए सबसे ज्यादा खतरा अटेन 2018 एलबी लघुग्रह से है, जो 1 जून 2021 को धरती के बेहद करीब अर्थात 0.007 एस्ट्रॉनॉमिकल यूनिट(एक एस्ट्रॉनॉमिकल यूनिट मतलब पृथ्वी व सूरज के बीच का एक अंतर) दूरी से गुजरेगा इसलिए इसे सबसे ज्यादा खतरनाक एस्ट्रोराइड्स की सूची में रखा गया है। चिंता का विषय यह भी है कि पृथ्वी के करीब से 6 खतरनाक लघुग्रह गुजरेंगे। इसके अलावा वर्ष 2021 की अनेक अद्भुत खगोलीय घटनाएं हम अनुभव कर पाएंगे। इनमें 4 ग्रहण,11 उल्का वर्षाव, 3 धूमकेतु, युति-प्रतियुति, सुपरमून, ब्लैक मून एवं ग्रहों के दर्शन होने का सुनहर मौका मिलेगा। मुख्यत: भारत में 2 चंद्रग्रहण देखे जा सकेंगे। यह जानकारी खगोल अध्ययनकर्ता एवं स्काय वॉच ग्रुप के अध्यक्ष प्रा. सुरेश चोपणे ने दी है। खगोल प्रेमियों एवं आकाश दर्शन में रुचि रखने वाले नागरिकों को इन घटनाओं को देखने का लाभ मिलेगा।
आसमान में होगी ये घटनाएं
2016 डीवी-1 नामक 200 फीट आकार का एस्टोराइड पृथ्वी के लिए संकट का कारण बन सकता है। यह 2 मार्च 2021 को चांद और पृथ्वी के मध्य से गुजरेगा। पृथ्वी से न्यूनतम 1,50,000 से 10 लाख कि.मी. के अंतराल से इसके गुजरने की संभावना है। यह लघुग्रह 28 फरवरी 2016 को पृथ्वी से 3 लाख किमी दूर से यह गुजरा था। नये वर्ष में इसके अधिक करीब आने की संभावना है। इसके अलावा संकट की सूची में रखे गये एस्टोराइड्स में अपोलो लघुग्रह-2001 एफओ-32 है। यह 21 मार्च को गुजरेगा। अपोलो 2012 यूवी-136 लघुग्रह 25 मई को, अटेन 2018 एलबी लघुग्रह 1 जून को, अपोलो लघुग्रह 2020 एडी-1 यह 4 जुलाई को, जबकि 13 जुलाई को अपोलो लघुग्रह 2019 एटी-6 तथा 14 अगस्त को अपोलो लघुग्रह 2016 BQ पृथ्वी के करीब से गुजरेंगे।
कहीं सूर्य तो कहीं चंद्रमा का दिखेगा ग्रहण : वर्ष 2021 में केवल 4 ग्रहण होंगे। इनमें 2 चंद्र और 2 सूर्य ग्रहण शामिल होंगे। भारत में कुछ ही इलाकों में केवल छायाकल्प चंद्र ग्रहण देखा जा सकेगा। 26 मई को खग्रास चंद्र ग्रहण होगा जो पैसिफिक, पूर्व एशिया, जपान, आस्ट्रेलिया और पश्चिम उत्तर अमेरिका में देखा जा सकेगा। भारत के गुजरात, राजस्थान एवं कश्मीर के कुछ इलाकों में यह दिखाई नहीं देगा। शेष भारत में इसके दर्शन होंगे। वहीं कंकणाकृत सूर्यग्रहण 10 जून को दिखाई पड़ेगा। यह उत्तर ध्रुवीय प्रदेशों में से पूर्व रशिया, पश्चिम ग्रीनलैंड एवं कनाडा से देखा जा सकेगा यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा। खंडग्रास चंद्र ग्रहण 19 नवंबर को उत्तर ध्रुवीय देशों में से उत्तर अमेरिका, मैक्सिको, मध्य अमेरिका एवं पश्चिम-दक्षिण अमेरिका में देखा जा सकेगा। यह चंद्र ग्रहण पश्चिम महाराष्ट्र समेत पश्चिम भारत में नहीं दिखाई देगा। वहीं विदर्भ समेत पूर्व भारत में इसका रूप छायाकल्प के तौर पर देखा जा सकेगा। चौथा ग्रहण खग्रास सूर्यग्रहण 4 दिसंबर को दक्षिण आफ्रिका एवं अंटाक्र्टिका क्षेत्रों में दिखाई देगा। भारत में नजर नहीं आएगा।
चंदा मामा कभी बनेगा सुपर मून तो कभी बनेगा ब्लैक मून : पृथ्वी का अपना उपग्रह और बच्चों का चंदा मामा अर्थात हमारा चंद्रमा 11 फरवरी को ब्लैक मून के तौर पर नजर आएगा। जबकि यह 14 अप्रैल, 11 मई और 8 जून को मायक्रो मून बन जाएगा। वहीं 27 अप्रैल को यह सुपर मून की शक्ल में नजर आएगा। 26 मई को यह सुपर फ्लॉवर मून बन जाएगा। 24 जून को दोबारा सुपर मून के रूप में दिखाई पड़ेगा। और तो और यह हमें 22 अगस्त को ब्लू मून के तौर पर भी दिखाई देगा।
Created On :   29 Dec 2020 3:23 PM IST