नागपुर की बड़ी-बड़ी कंपनियों में चोरी का मुरुम हो रहा इस्तेमाल

Theft is being used extensively in big companies of Nagpur.
नागपुर की बड़ी-बड़ी कंपनियों में चोरी का मुरुम हो रहा इस्तेमाल
एक रॉयल्टी पर ढो रहे 5 बार मुरुम नागपुर की बड़ी-बड़ी कंपनियों में चोरी का मुरुम हो रहा इस्तेमाल

डिजिटल डेस्क, (हिंगना) नागपुर।   बुटीबोरी एमआईडीसी क्षेत्र में कई नई कंपनियों का निर्माण कार्य चल रहा है। निर्माण कार्य के लिए चोरी की मुरुम का उपयोग किया जा रहा है। आरोप है कि यह चोरी का खेल राजस्व विभाग व पुलिस की साठगांठ में चल रहा है। एक रॉयल्टी पर पांच से अधिक बार मुरुम ढोई जा रही है।  एशिया खंड की पंचसीतरा बुटीबोरी एमआईडीसी, फेस-2 और न्यू बुटीबोरी एमआईडीसी में नए उद्योग शुरू करने के लिए शासन द्वारा उद्योजकों को जमीन उपलब्ध कराई गई है। कुछ कंपनी के निमार्ण कार्य में इस्तेमाल होने वाली मुरुम चोरी की होने की जानकारी सूत्रों से मिली है। कंपनी के निमार्ण कार्य में हजारों ब्रास मुरुम लगती है, जो आसपास के मौजा मड़वा, किनाला रीठी, घोड़ेघाट आदि क्षेत्र में निजी और सरकारी जमीन से अवैध उत्खनन कर लाई जा रही है।

मिलीभगत से हो रहा काम
नियमानुसार एक ब्रास रॉयल्टी के लिए 600 रुपए राजस्व विभाग को देना होता है। एक ब्रास रॉयल्टी में 100 फीट मुरुम आती है। चोरी के चलते सरकार का करोड़ों रुपए का राजस्व डूब रहा है। सूत्रांे के अनुसार दिन-रात उत्खनन कर मुरुम चोरी कर लाई जा रही है, जिसकी जानकारी राजस्व विभाग को होने के बावजूद भी किसी तरह की कार्रवाई नहीं की जाती। कार्रवाई के नाम पर मुरुम चोरी करने वाले छोटे वाहनों को  पकड़ लिया जाता है। इस मामले में बुटीबोरी एमआईडीसी पुलिस द्वारा भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है

नदारद रहते हैं अधिकारी
बुटीबोरी एमआईडीसी सहित आसपास का लगा पहाड़ी और खदानी क्षेत्र हिंगना तहसील कार्यालय के अंतर्गत आता है। बुटीबोरी एमआईडीसी से लगा मड़वा, किन्हाला, घोड़ेघाट आदि क्षेत्र हिंगना तहसील कार्यालय से करीब 20 से 25 किलोमीटर की दूरी पर है। कार्रवाई की जिम्मेदारी क्षेत्र के मंडल अधिकारी और पटवारी की होती है, लेकिन वह सिर्फ हफ्ते में एक या दो बार ही कार्यालय में नजर आते हैं। अधिकतर मंडल अधिकारी और पटवारी तहसील कार्यालय में ही बैठे नजर आते हैं। कोई भी अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाता, जिसका असर सरकार की तिजोरी पर पड़ रहा है।

ऐसे चलता है खेल 
बुटीबोरी एमआईडीसी से लगे मड़वा आदि क्षेत्रों में एक दो मुरुम माफियाओं ने तहसील कार्यालय से रॉयल्टी ली है, जो दिखावे के लिए है। एक रॉयल्टी पर 5 से 10 ट्रकों में मुरुम भरकर ले जाई जाती है। यह मुरुम माफिया रॉयल्टी पर समय नहीं डालते, जैसे ही कोई अधिकारी दिखाता है, वैसे ही समय डाल देते हैं। मड़वा गांव से बुटीबोरी एमआईडीसी का फासला महज 1 से 2 किलोमीटर का है। गाड़ी भरने और खाली करने में करीब एक घंटे का समय लगता है, लेकिन रॉयल्टी का समय 4 घंटे से अधिक का होता है, जिसका पूरा फायदा मुरुम माफिया उठाते हैं।

 

Created On :   2 Dec 2021 3:09 PM IST

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