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मेलघाट के जंगलों में हैं 340 वन्यप्राणी, 456 मचानों पर जंगल के नजारों का लोगों ने उठाया लुत्फ

डिजिटल डेस्क, अमरावती। साेमवार 16 मई की रात बुध्द पूर्णिमा के प्रकाश में मेलघाट के घने जंगल में 456 मचानों पर रातभर बैठकर वन तालाब पर आने वाले 340 वन्यप्राणियों के दर्शन निसर्ग प्रेमियाें को हुए। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार बुध्द पूर्णिमा के रात निसर्ग प्रेमियों ने वन्यप्राणियों की गणना नहीं की। बल्कि वन्यप्राणियों का निरीक्षण करने का अनुभव इस समय लिया गया। पहले इस उपक्रम को वन्यप्राणी गणना कहा जाता था। किंतु शास्त्रशुध्द पध्दति की प्रणाली का अभ्यास करने का तंत्र वन्यप्राणियों के अभ्यास के लिए अपनाए जाने के बाद राष्ट्रीय व्याघ्र संवर्धन प्रतिष्ठान ने बुध्द पूर्णिमा की रात मचानों पर होने वाली प्राणी गणना को निसर्ग अनुभव में तब्दील कर दिया है।
वन विभाग के अनुसार मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प अंतर्गत सिपना में 105, अकोट में 75, गुगामल में 128, मेलघाट वन्यजीव में 32, वन्यप्राणियों के दर्शन बुध्द पूर्णिमा की रात निसर्गप्रेमियों को हुए है। पिछले दो वर्ष से कोरोना के चलते मेलघाट में वन्यप्राणियों की बुध्द पूर्णिमा को होने वाली गणना में केवल वन विभाग के अधिकारी व कर्मचारियों को शामिल किया गया था। किंतु दो वर्ष बाद पहली बार इस समय निसर्ग प्रेमियों को इस निसर्ग अनुभव कार्यक्रम में शामिल किया गया। इस उपक्रम को सफल करने मेलघाट व्याघ्र प्रकल्प के नवलकिशोर रेड्डी, उपवन संरक्षक अकोट वन्यजीव विभाग के सुमंत सोलंके, गुगामल वन्यजीव विभाग के उपवनसंरक्षक दिव्या भारती, सिपना वन्यजीव विभाग परतवाड़ा तथा विभागीय वन अधिकारी किरण जगताप आदि इस समय उपस्थित थे।
Created On :   19 May 2022 12:45 PM IST