इन टैलेंटेड बच्चों का नहीं कोई जवाब, किसी का खेल में तो किसी का स्टेज पर धमाल

There are many multi talented kids in the city, One of these is the citys Tushit Nikose
इन टैलेंटेड बच्चों का नहीं कोई जवाब, किसी का खेल में तो किसी का स्टेज पर धमाल
इन टैलेंटेड बच्चों का नहीं कोई जवाब, किसी का खेल में तो किसी का स्टेज पर धमाल

डिजिटल डेस्क, नागपुर ।  संतरानगरी के हुनरमंद बच्चों ने अपने टैलेंट का लोहा मनवाते हुए सफलता के कई झंडे गाड़े हैं। इनमें से ही एक है शहर के तुषित निकोसे । तुषित ने केबीसी सीजन-10 में भाग लेकर  6 लाख 40 हजार रुपए जीते हैं। देश भर से आए 110 बच्चों में से 10 प्रतिभागियों का सिलेक्शन हुआ। इनमें तुषित भी थे। 11 वर्ष के सेंट जोसफ कान्वेन्ट के तुषित ने बताया कि अभिताभ बच्चन जी से मिलने की खुशी ही अलग थी। मैंने उन्हें अपने हाथों से बनाया हुआ उन्हीं का एक स्केच भी दिया। टर्म्स एंड कंडिशन्स के मुताबिक जीती हुई धनराशि  18 वर्ष की उम्र पूरी करने पर प्राप्त होगी। पैरेन्ट्स चित्रा नीरज निकोसे बहुत खुश हैं।  

इंटरनेशनल फुटबॉलर भुवन 
बचपन से ही फुटबॉल खेलने के शौकीन भुवन जेरपोथ अदर एक्टिविटीज को सही मानते हैं। उनका कहना है कि पढ़ाई के साथ खेल शरीर के विकास के लिए आवश्यक है। मैंने खेल की शुरुआत स्कूल लेवल से की और आज इंटरनेशनल लेवल का प्लेयर हूं। भुवन के पैरेन्ट्स वेणी सत्यनारायण जेरपोथ उनकी सफलता से बहुत खुश हैं। 17 वर्ष के भुवन सिंधु कॉलेज में बीबीए प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रहे हैं। 

बेस्ट ड्रामेबाज अंश
शहर के अंश रंधे जो कि बेस्ट ड्रामे बाज के फर्स्ट सीजन में पहुचे थे। फिर जूनियर मास्टर शेफ में 2013 में आए। 16  वर्षीय अंश कक्षा दसवीं में मेरिट टॉपर रहे हैं। अभी तक 3000 से अधिक लाइव शोज कर चुके हैं। अंश का कहना है कि उनकी इस सफलता के पीछे मम्मी डॉ. कमलजीत कौर और पिता संजय रंधे का पूरा सपोर्ट है। उन्हें महाराष्ट्र बाल कला गौरव पुरस्कार, मि. विदर्भ खिताब से भी नवाजा गया है। 

चेस मास्टर रौनक
चेस के इंटरनेशनल मास्टर 13 वर्ष   के रौनक साधवानी ने 8 वर्ष की उम्र से ही एस हॉबी चेस खेलना शुरू कर दिया था। अब चेस को कैरियर के रूप में चुन लिया है। वे अंडर 14 में भारत का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। सेन्ट्रल प्वाइंट स्कूल काटोल रोड से वे शिक्षा प्राप्त कर रहे है। वे अपनी सफलता का श्रेय  अपने पैरेन्ट्स हिना भरत साधवानी, टीचर्स और फ्रेन्ड्स को देते हैं। 

इंडियन ऑइडल सुगंधा 
सुगंधा दाते 2013 में  इंडियन ऑइडल टॉप 5 में पहुंची थी। उनकी मम्मी अमृता अमोल दाते का कहना है कि सुगंधा 5 वर्ष की उम्र से ही गाना गा रही है। मेरे हसबैंड ने तबला में विशारद और मैं गाने में एमए हूं। इसलिए हम दोनों ने ही उन्हें ट्रेंड किया था। सुगंधा अभी नवीं कक्षा में है और अपने गुरु से शिक्षा ले रही है। सुगंधा के सिंगिंग कैरियर को बढ़ाने के लिए ही हम मुंबई शिफ्ट हो गए हैं। 
 

Created On :   14 Nov 2018 6:01 AM GMT

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