कथनी और करनी में कभी भी अंतर न हो : वीरसागर महाराज

डिजिटल डेस्क, वाशिम। बोले तैसा चाले त्याची वंदावी पाऊले, इस प्रकार की सीख संताें की है लेकिन समाज में अनेक लोग इसके व्यतिरिक्त व्यवहार करते हैं । कहते कुछ है और करते कुछ और है, ऐसा अनेकों का व्यवहार होता है । यह व्यवहार भले ही क्षण भर के लिए सुख देता हो लेकिन उसके दुष्परिणाम भुगतने ही पड़ते है । इस कारण कथनी और करनी में कभी भी अंतर ना हो, उक्त उद्गार वीरसागर महाराज ने व्यक्त किये। पुरानी नगर परिषद के समीपस्थ महावीर भवन में आयोजित प्रवचन के तहत वे सम्बोधित कर रहे थे । मंच पर विशालसागर महाराज, धवलसागर महाराज, उत्कृष्टसागर महाराज उपस्थित थे । श्रमणमुनिश्री वीरसागर महाराज ने आगे कहा कि जीवन में सकारात्मक दृष्टिकोन रखना बेहद ज़रुरी है । जो व्यक्ति सकारात्मक होता है वह जीवन में सफल होता है । हम जो विचार करते हैं वही विचार प्रत्यक्ष रुप में साकार किए जाते हैं । यदि नकारात्मक विचार मन में हो तो उसके परिणाम भी नकारात्मक मिलते हैं । इस कारण हमें हमेशा उर्जावान अच्छे विचारों के साथही सकारात्मक कार्यों में पहल करना चाहिए ।
Created On :   21 Jan 2023 4:06 PM IST