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कोरोना काल में अर्थ व्यवस्था पर लगी ब्रेक, पर कृषि क्षेत्र ने संभाला

डिजिटल डेस्क, मुंबई। कोरोना महामारी के चलते राज्य की अर्थव्यवस्था पर विराम लगा पर एक अच्छी बात यह रही कि इस दौरान कृषि क्षेत्र ने अर्थ व्यवस्था को संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। राज्य की महा विकास आघाडी सरकार के दौरान राजकोषिय घाटा में कमी करने में सफलता मिली हालांकि इस दौरान राज्य की आर्थिक विकास दर (जीडीपी) में तीन प्रतिशत की कमी आई। गुरुवार को विधानसभा में पेश भारत के नियंत्रक व महालेखा परीक्षक (कैग) की रिपोर्ट में यह बात सामने आई है। कैग की रिपोर्ट में आघाडी सरकार के दौरान राज्य के वित्तमंत्री रहे अजीत पवार के आर्थिक अनुशासन की तारीफ की गई है। कैग की रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2016-17 में राज्य पर कर्ज का बोझ चार लाख करोड़ था। अब यह कर्ज बढ़ कर पांच लाख 48 हजार 176 करोड़ हो गया है। कोरोना के चलते राज्य में लगे लॉकडाउन की वजह से राज्य की अर्थ व्यवस्था प्रभावित हुई। रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना का प्रभाव कम होने के बाद लाकडाउन को चरणबद्ध तरीके से हटाया गया, इसका अर्थ व्यवस्था पर प्रभाव पड़ा।
कर राजस्व में आई कमी
पिछले वर्ष की तुलना में राज्य के कर राजस्व में 13.7 प्रतिशत की कमी आई है। वर्ष 2019-20 में राजस्व दो लाख 83 हजार 189.58 करोड़ था, जबकि वर्ष 2020-21 में राजस्व घट कर दो लाख 69 हजार 467.91 करोड़ रुपए हो गया। जीएसटी में भी 15.32 फीसदी और वैट में 12.24 प्रतिशत की कमी आई। राज्य सरकार के कर्ज पर ब्याज चुकाने, वेतन व पेंशन पर कुल राजस्व का 57.33 प्रतिशत खर्च हुआ। रिपोर्ट के अनुसार 41 हजार 141.85 करोड़ का राजस्व घाटा हुआ है।
कृषि क्षेत्र ने संभाला
कोरोना के चलते राज्य की अर्थ व्यवस्था पर ब्रेक लगा पर कृषि क्षेत्र ने अर्थ व्यवस्था में सकारात्मक योगदान दिया। कृषि एक मात्र ऐसा क्षेत्र रहा जिसमें सकारात्म चित्र देखने को मिले। राज्य की जीडीपी में कृषि क्षेत्र का योगदान 11 प्रतिशत रहा जबकि उद्योग क्षेत्र की हिस्सेदारी में 11.3 प्रतिशत की कमी आई। सेवा क्षेत्र में भी 9 फीसदी की गिरावट आई।
महा विकास आघाडी व अजित पवार की तारीफ
कैग की रिपोर्ट के अनुसार पूर्ववर्ती सरकार राजकोषिय घाटा तीन प्रतिशत कम करने में सफल रही। राज्य सरकार राजकोषिय घाटा 2.69 प्रतिशत तक लाने में सफल रही है। कोरोना काल में राजकोषिय घाटे में कमी राज्य की तत्कालिन महा विकास आघाडी सरकार की सफलता है। रिपोर्ट में आर्थिक अनुशासन बनाए रखने के लिए रिपोर्ट में तत्कालिन वित्तमंत्री अजित पवार की तारीफ की गई है।
Created On :   25 Aug 2022 7:36 PM IST