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घाटों की नहीं हुई नीलामी और घाट से गायब हो गईं हजारों ब्रास रेत

डिजिटल डेस्क, अमरावती। अमरावती से होकर गुजरने वाली वर्धा नदी पर बने करीब 10 रेत घाटों की नीलामी पिछले चार वर्षों से नहीं की गई है। भूजल सर्वेक्षण तथा पर्यावरण व अन्य कारणों के चलते इन घाटों की नीलामी प्रक्रिया पूरी न हो पाने तथा रेत उत्खनन की प्रक्रिया रुकी रहने के बावजूद रेत माफियाओं ने नदी पात्र से करीब 32 हजार ब्रास रेत चोरी कर ली है। अमरावती जिले की वर्धा नदी पर स्थित 10 रेत घाट जिनमंे गोकुलसरा, महल्ले दिघी, आष्टा, सोनारा काकड़ा, इसापुर, चिंचली, विटाना, रायपुर, कसारखेड़, बोरगांव निस्ताने आदि शामिल है।
बारिश के दौरान इन घाटों पर हजारों ब्रास रेत जमा होती है। किंतु बारिश का मौसम थमते ही नदी पात्र से रेत गायब होने लगती है। जिसको लेकर राजस्व विभाग व खनिकर्म विभाग भी कोई कदम नहीं उठा पा रहा है। स्वयं राजस्व विभाग की रिपोर्ट में ही इन 10 रेत घाटों से 32 हजार ब्रास रेत अवैध रूप से निकालने की बात कही जा रही है। किंतु राजस्व प्रशासन रेत की अवैध खनन को लेकर खामोश ही रहता है। कुछ ही मामलों में कार्रवाई की जाती है। राजस्व विभाग के मुताबिक प्रतिवर्ष वकनाथ व आष्टा घाटों से 2 हजार ब्रास रेत निकाली गई थी। गोकुलसरा से 1187, बोरगांव निस्ताने से 8 हजार 480, विटाना से 100 ब्रास, चिंचोली से 1500 ब्रास रेत प्रतिवर्ष निकाली जा रही है।
उड़नदस्ते कर रहे निगरानी
घाटों की नीलामी न होेने के कारण चोरी की घटना बढ़ी है। उन पर नियंत्रण रखने के लिए उड़नदस्ते तैयार किए गए है। साथ ही पुलिस के साथ मिलकर कार्रवाई की जाती है। इब्राहिम चौधरी, उपविभागीय अधिकारी, चांदुर रेलवे
राजस्व प्रशासन की जिम्मेदारी
रेत घाटों की नीलामी करने की जिम्मेदारी पूरी तरह से राजस्व विभाग के अधिकार में है। भूजल सर्वेक्षण विभाग नदी पात्र में पानी की मौजूदगी का सर्वेक्षण कर राजस्व विभाग को सौंपता है। राजस्व विभाग की मांग पर ही दोबारा भी यहां सर्वेक्षण किया जा सकता है। सीमा जोशी, वरिष्ठ भूजल सर्वेक्षण अधिकारी
Created On :   14 Feb 2022 1:29 PM IST