नवंबर-दिसंबर माह में एक भी हेयर क्रैक का मामला नहीं आया सामने

There was not a single hair crack case in November-December
नवंबर-दिसंबर माह में एक भी हेयर क्रैक का मामला नहीं आया सामने
नवंबर-दिसंबर माह में एक भी हेयर क्रैक का मामला नहीं आया सामने

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोरोना संक्रमण के बाद से ट्रेनों की संख्या काफी कम हुई है। पटरियों पर दाब कम हो गया है। लगातार गश्त का फायदा यह हो रहा है कि नवंबर से दिसंबर माह तक एक भी हेयर क्रेक का मामला सामने नहीं आया है। इसे लेकर रेल प्रशासन राहत महसूस कर रहा है। 

वेल्ड फ्रैक्चर, हेयर क्रैक की घटनाएं बढ़ जाती थीं : ठंड के मौसम में पटरियों पर वेल्ड फ्रैक्चर व हेयर क्रैक की घटनाएं बढ़ जाती थीं। रेल प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ती थी, लेकिन इस साल ठंड का आगाज होने के बाद अभी तक मध्य रेलवे नागपुर मंडल व दपूम रेलवे नागपुर मंडल अंतर्गत नाममात्र घटनाएं हुई हैं। जिसका मुख्य कारण पटरियों पर गाड़ियों का दाब कम होना है। साथ ही समय-समय पर पटरियों की मरम्मत हो रही है, जिससे वर्तमान में पटरियों की सुरक्षा बरकरार है। गत पांच वर्ष की बात करें तो ठंड का आगमन होने पर लगातार गाड़ियों के आवागमन के दौरान पटरियां चटकने की घटनाएं होती रही हैं। इस बार रेलवे को इससे राहत मिली है। 

ओवरलोड चल रही हैं गाड़ियां : नागपुर रेलवे स्टेशन से तीन लाइन चलती है। रोजाना विभिन्न दिशाओं में 125 से ज्यादा एक्सप्रेस गाड़ियां और 250 मालगाड़ियां चलाई जाती हैं। नियमानुसार किसी भी लाइन पर गाड़ियों के परिचालन की एक सीमा होती है। ज्यादा गाड़ियों का परिचालन होने पर गाड़ियों में विलंब होने व लापरवाही के चलते डी-रेलमेंट जैसी घटनाओं का सामना रेल प्रशासन को करना पड़ता है। बावजूद कोरोना संक्रमण के पूर्व तक मुंबई लाइन पर नागपुर से वर्धा व हावड़ा लाइन पर नागपुर से दुर्ग ओवरलोड़ गाड़ियां चलाई जा रही हैं। 

पटरी चटकने का मामला सामने नहीं आया
इस बार अभी तक एक भी पटरी चटकने का मामला सामने नहीं आया है।  - एस.जी. राव, एसीएम, मध्य रेलवे नागपुर मंडल

Created On :   8 Dec 2020 3:08 PM IST

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