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नागपुर-वर्धा के बीच थर्ड लाइन को लगेंगे और 4 साल, घोषणा हुए बीत गए 7 साल

डिजिटल डेस्क,नागपुर। नागपुर-वर्धा के बीच की थर्ड लाइन को पूरा होने में और 4 साल लगने के आसार हैं, जबकि यातायात भार को कम करने के लिए थर्ड लाइन की घोषणा 7 वर्ष पहले की गई थी, जो अब तक साकार नहीं हो पाई है। रेल सूत्रों का कहना है कि थर्ड लाइन के लिए अभी 4 साल और यानी 2022 तक इंतजार करना पड़ेगा। दूसरी तरफ स्थिति यह है कि इस रेल मार्ग पर वर्तमान में 63 ट्रेनों के प्रतिदिन चलने की क्षमता है, जबकि 72 ट्रेनें संचालित हो रही हैं। ऐसे में किसी अनहोनी से इनकार नहीं किया जा सकता है।
ट्रेनों पर पड़ता है असर
नागपुर रेलवे स्टेशन से होकर तीन रेल लाइनें निकलती हैं, जिसमें दिल्ली, मुंबई और हावड़ा रेल मार्ग का समावेश है। इन मार्गों से रोज करीब 125 यात्री ट्रेनें और 250 मालगाड़ियां चलाई जाती हैं। नियमानुसार किसी भी लाइन पर क्षमता से ज्यादा गाड़ियों को चलाने से ट्रेनों की लेट-लतीफी से लेकर दुर्घटनाओं तक का सामना रेल प्रशासन को करना पड़ता है। बावजूद इसके मुंबई लाइन पर नागपुर से वर्धा तक क्षमता से अधिक गाड़ियां चलाई जा रही हैं।
इसलिए ओवरलोड की स्थिति
नागपुर मंडल अंतर्गत नागपुर से सेवाग्राम तक एक ही अप-डाउन रेल मार्ग है। ऐसे में होशंगाबाद से आनेवाली गाड़ी को हैदराबाद के लिए जाना हो या फिर भुसावल, यह गाड़ी नागपुर-सेवाग्राम से होकर ही गुजरती है। उसी प्रकार भुसावल व हैदराबाद से आनेवाली गाड़ियों को सेवाग्राम-नागपुर हो कर ही होशंगाबाद के लिए जाना पड़ता है, जिससे इस सेक्शन पर परिचालन भार बढ़ गया है। प्रति वर्ष रेल बजट के बाद कुछ गाड़ियों की संख्या बढ़ ही जाती है।
इतनी होनी चाहिए क्षमता
जानकारों के अनुसार, क्षमता के मुताबिक अप लाइन से कुल 63 गाड़ियों का आवागमन होना चाहिए, लेकिन यहां से रोजाना 72 गाड़ियां गुजर रहीं हैं। साथ ही डाउन लाइन से 63 गाड़ियों की जगह 69 गाड़ियां रोज चल रही हैं। आनेवाले चार सालों में यहां और भी गाड़ियों का लोड बढ़ सकता है, जबकि थर्ड व फोर्थ लाइन बनने के लिए अभी लंबा इंतजार है।
Created On :   7 May 2018 2:43 PM IST