इस बार ट्रेन में नहीं बैठे बप्पा, राज्य से बाहर नहीं गई मूर्तियां

This time Bappa did not sit in the train, idols did not go out of the state
इस बार ट्रेन में नहीं बैठे बप्पा, राज्य से बाहर नहीं गई मूर्तियां
मूर्तिकारों को हुआ नुकसान इस बार ट्रेन में नहीं बैठे बप्पा, राज्य से बाहर नहीं गई मूर्तियां

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  प्रति वर्ष ट्रेन के माध्यम से बड़ी मूर्तियां विभिन्न जगहों पर नागपुर से ले जाई जाती हैं। इस बार कोरोना नियमों के चलते बड़ी मूर्तियां नहीं बनीं और इसी कारण एक भी मूर्ति बाहरी राज्य में नहीं भेजी गई। इससे एक ओर रेलवे का राजस्व भी कम हुआ है। वहीं दूसरी ओर मूर्तिकारों को नुकसान उठाना पड़ा है।

ऊंचाई तय होने से कोई ऑर्डर नहीं मिला :  नागपुर का चितारओली गणेश मूर्तियों के लिए पूरे देश में जाना जाता है। अमरावती से भी बनी मूर्तियों को चितारओली में लाया जाता है। यहां से मुंबई, कोलकाता, रायपुर, ओडिशा, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ में मूर्तियां भेजी जाती हैं। रेलवे की सहायता से इन मूर्तिंयों को गंतव्य तक भेजा जाता है। इस बार रेलवे पार्सल से एक भी मूर्ति बुक नहीं हो सकी है। कारण यह है कि बाहरी राज्य में नागपुर से 8 से 10 फीट की मूर्तियों को भेजा जाता रहा है। इस बार इतनी ऊंची प्रतिमा बनाने की अनुमति ही नहीं मिली। राज्य सरकार ने 4 फीट की ऊंचाई तय कर दी थी।

मूर्तिकारों को मलाल : नागपुर के मूर्तिकारों ने भी बड़ी मूर्तियां नहीं बनाई हैं और छोटी मूर्तियों की बाहर से मांग नहीं आ सकी। मूर्तिकार दिलीप चावरे ने बताया कि प्रति वर्ष बाहरी राज्य से आने वाले ऑर्डर 8 से 10 फीट वाली मूर्तियों के होते थे। इस बार 4 फीट से ज्यादा ऊंची मूर्ति नहीं बनाने के आदेश से एक भी ऑर्डर नहीं मिला। मूर्तिकार बबलू शाहु और मूर्तिकार यादवराज प्रजापति भी इस बार बाहरी राज्यों में मूर्ति नहीं भेज पाए।

खुलेआम बेची गई पीओपी मूर्तियां : 4 फीट से बड़ी मूर्तियों के साथ पीओपी मूर्तियों पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। मनपा की ओर से गुरुवार की शाम तक कार्रवाई की गई, लेकिन कार्रवाई बंद होने के बाद शुक्रवार को खुलेआम गत वर्ष बनाई पीओपी की मूर्तियां बेची गईं। गत वर्ष करीब डेढ़ लाख पीओपी की मूर्तियां बची थी।  इस बार मनपा की लगाम ढीली होते ही उसे बेचा गया।।  

Created On :   11 Sept 2021 3:35 PM IST

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