जबलपुर: संपत्ति खरीदी-बिक्री में धोखाधड़ी के तीन मामले

Three fraud cases were reported in Jabalpur
जबलपुर: संपत्ति खरीदी-बिक्री में धोखाधड़ी के तीन मामले
जबलपुर: संपत्ति खरीदी-बिक्री में धोखाधड़ी के तीन मामले

डिजिटल डेस्क, नागपुर। संपत्ति खरीदी-बिक्री में दो महिला और व्यापारी के साथ धोखाधड़ी होने के प्रकरण उजागर हुए हैं। प्रकरण शनिवार को सोनेगांव, कोराड़ी और बजाज नगर थाने में दर्ज किए गए।   

केस 1- व्यापारी को दिए चेक हुए बाउंस
माधव नगर निवासी व्यापारी कमलेश सोंडागर (51), जबकि आरोपी छाया चंद्रकुमार सोनवणे (44) और चंद्रकुमार सोनवणे (50) है। इस प्रकरण में आरोपियों का माैजा भामटी स्थित विजय को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड में 10 नंबर का प्लाट है, जो 18 जुलाई 2018 को 41 लाख रुपए में कमलेश को बेचा गया था। कमलेश ने आरोपियों को 3 लाख रुपए नकद और 5 लाख रुपए का चेक ऐसे कुल आठ लाख रुपए दिए थे। इसके बाद एग्रीमेंट करते समय 23 जुलाई 2018 को 8 लाख रुपए का चेक दिया था। शेष 25 लाख रुपए रजिस्ट्री करते समय देने का तय हुआ था। कमलेश से लाखों लेने के बाद चंद्रकुमार ने कमलेश को यह बताया कि, प्लॉट का आरएल आना बाकी है। इसलिए कमलेश ने नागपुर सुधार प्रन्यास में जाकर इसकी जांच-पड़ताल की तो पता चला कि, आरएल मिलने वाला ही नहीं है, तब कमलेश ने आरोपियों से अपनी रकम वापिस मांगी। आरोपियों ने कमलेश को तीन चेक दिए, जो बाउंस हो गए हैं। रकम देने में टालमटोल रवैया होने पर मामला थाने पहुंचा। सोनेगांव थाने में आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का प्रकरण दर्ज िकया गया है। 

केस 2- जमीन पर कब्जा करने का प्रयास 
बोखारा निवासी अजय प्रतापसिंह (44) का संत साईं कृपा हाउसिंग सोसायटी स्थित स्मृति नगर में प्लॉट नं.-149 है। इस प्लाट पर आरोपी अतुल चव्हाण ने 2 अक्टूबर 2020 को अपने पांच-छह साथियों की मदद से कब्जा करने का प्रयास िकया। जिसके चलते अजय प्रतापसिंह से आरोपियों ने गाली-गलौज कर मारपीट की। इस मामले में भी आरोपियों के खिलाफ कोराडी़ थाने में प्रकरण दर्ज किया गया है। 

केस 3- झांसा देकर दस्तावेजों पर लिए हस्ताक्षर
धोखाधड़ी की तीसरी घटना बजाज नगर थानांतर्गत हुई। पीड़ित अत्रे ले-आउट निवासी भावना भरत वैद्य (42) है। 10 से 16 अक्टूबर 2020 के बीच आरोपी राहुल निंबर्ते (39), शांति नगर, मोहसीन हसन खान (34) और विवेक विजयकुमार कांबले (35), संत कबीर वार्ड वर्धा निवासी ने झांसा देकर भावना का घर खुद के नाम पर िकया। जिसके चलते घर के दस्तावेजों में भावना के हस्ताक्षर लिए गए हैं। इस मामले में भी प्रकरण दर्ज िकया गया है।

Created On :   18 Oct 2020 10:14 AM GMT

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