प्लास्टिक बोतलें क्रश करने नागपुर रेलवे स्टेशन पर आई तीन मशीनें

Three machines reach at Nagpur railway station to crush plastic bottles
प्लास्टिक बोतलें क्रश करने नागपुर रेलवे स्टेशन पर आई तीन मशीनें
प्लास्टिक बोतलें क्रश करने नागपुर रेलवे स्टेशन पर आई तीन मशीनें

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अब नागपुर स्टेशन पर पानी की खाली बोतलों का कचरा जमा नहीं होगा। स्टेशन पर तीन नई मशीनें आई है। जो सैकड़ों खाली बोतल का मुठ्टीभर कचरा बनाने में सक्षम है। ऐसे में दिनभर जमा होनेवाली बोतलों को यह मशीन निगल जाएगी। सोमवार को इसका उद्घाटन रेलवे अधिकारी के हस्ते होनेवाला है। सूत्रों के अनुसार यह मशीनें मनपा की ओर से दी गई है। उक्त मशीनें प्लेटफार्म नंबर एक व 2 के साथ एक संतरा मार्केट की दिशा में लगनेवाली है।

उल्लेखनीय है कि नागपुर स्टेशन पर बड़ी संख्या में यात्रियों का आवागमन रहता है। खान-पान व्यवस्था के लिए यहां निजी रेस्त्रां से लेकर निजी स्टॉल लगे हैं। यात्री पानी की बोतलें ज्यादातर खरीदी करते हैं। लेकिन पानी खत्म होने के बाद यात्री इसे कैरी नहीं कर सकते हैं। परिणामस्वरूप यह बोतलें परिसर में ही पड़ी रहती है। जो कचरा, गंदगी का कारण बन जाती है। कई बार यह बोतलें परिसर की नालियों आदि में गिरकर उन्हें चोक भी कर देती है। परिसर में कई कचरे के डिब्बे भी रखे हैं। लेकिन इन डिब्बों के जल्दी भरने का मुख्य कारण खाली पानी की बोतलें ही है।

ऐसे में अब स्टेशनों पर ऐसी मशीन लगाई जानेवाली है। जिसमें पानी की खाली बोतल यात्री को डाल देनी है। मशीन ऑटोमेटिक बोतल को निगलकर बहुत कम मात्रा में इसका मटेरियल बना देगी। इसी तरह जब मशीन की क्षमता खत्म होगी। तब इसे निकाल प्लास्टिक बनाने के लिए पुन: उपयोग में लाया जा सकेगा।

बंद हो जाएगी पानी की कालाबाजारी
प्लास्टिक की खाली बोतलें केवल गंदगी का कारण ही नहीं बनती है। बल्कि इसके माध्यम से कुछ लोग पानी की कालाबाजारी भी करते हैं। ग्रीष्म में पानी की मांग बढ़ने के बाद यात्रियों द्वारा फेकी गई, खाली बोतलों में नल का पानी भरकर ढक्कनों को विशेष पध्दति से चिपकाया जाता है। इन्हीं बोतलों को बर्फ की लादियों में रख ठंडा भी किया जाता है। इसके बाद इसे ट्रेनों में या स्टेशनों पर 15 से 20 रुपये में बेचा भी जाता है। लेकिन अब खाली बोतलों का नहीं रहने ऐसा नहीं हो सकेगा।

बायो टॉयलेट में फंस जाती थी
देशभर के रेलवे गाड़ियों में बायो टॉयलेट लगाने की कवायदें जारी है। मध्य रेलवे व दपूम रेलवे नागपुर मंडल की कुछ गाड़ियों में इसे लगाया भी गया है। लेकिन रेलवे के पास सैकड़ों ऐसी शिकायतें आई है। जिसमें बायो टॉयलेट में यात्रियों द्वारा पानी की बोतल डालने से वह चोक हो गया। ऐसे में उपोरक्त मशीन को इसे भी फायदा मिलेगा।

  
 

Created On :   8 Sept 2018 8:00 PM IST

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