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जलापूर्ति के लिए तीन गुना अधिक टैंकर का हो रहा इस्तेमाल, सूखे की दस्तक

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश में कम बारिश होने के कारण पीने के पानी के लिए टैंकरों पर निर्भरता बढ़ी है। बीते साल के मुकाबले इस बार जलापूर्ति के लिए तीन गुना अधिक टैंकरों का इस्तेमाल किया जा रहा है। राज्य में फिलहाल 329 टैंकरों से जलापूर्ति की जा रही है जबकि पिछले साल अक्टूबर के महीने में केवल 107 टैंकरों की जरूरत पड़ी थी।
मराठवाड़ा अंचल में सबसे अधिक 182 टैंकरों का उपयोग हो रहा है। इसमें 158 टैंकर औरंगाबाद में लगे हैं। प्रदेश सरकार के स्वच्छता व जलापूर्ति विभाग से मिली जानकारी के अनुसार राज्य के 331 गांवों और 471 बस्तियों में 329 टैंकरों का इस्तेमाल जलापूर्ति के लिए हो रहा है। इसमें 58 सरकारी और 244 निजी टैंकरों का समावेश है। मराठवाड़ा के औरंगाबाद के 151 गांवों में 158 टैंकर, जालना के 16 गांव और 2 बस्तियों में 22 टैंकर, नांदेड़ के 1 गांव और 1 बस्ती में 2 टैंकरों का इस्तेमाल हो रहा है। राहत की बात यह है कि मराठवाडा संभाग के बीड़, लातूर, उस्मानाबाद, हिंगोली और परभणी में फिलहाल एक भी टैंकर नहीं लगे हैं। ये जिले बीते कई सालों में सूखा प्रभावित रहे हैं।
उत्तर महाराष्ट्र के 5 जिलों के 134 गांवों और 346 बस्तियों में 118 टैंकरों से पानी उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें नाशिक में 53 टैंकर, अहमदनगर में 27 टैंकर, धुलिया में 7 टैंकर और जलगांव में 13 टैंकर लगे हैं। विदर्भ में केवल बुलढाणा के आठ गांवों में 8 टैंकर शुरू हैं। पश्चिम महाराष्ट्र के पुणे के 7 गांवों और 57 बस्तियों में 9 और सातारा के 14 गांवों और 65 बस्तियों में 12 टैंकरों का इस्तेमाल हो रहा है।
Created On :   2 Oct 2018 6:48 PM IST