बैंक कर्मी सहित तीन युवाओं से ठगी, मामला दर्ज

Three youths including bank employee cheated, case registered
बैंक कर्मी सहित तीन युवाओं से ठगी, मामला दर्ज
बैंक कर्मी सहित तीन युवाओं से ठगी, मामला दर्ज

डिजिटल डेस्क, नागपुर। रिटायर्ड बैंक कर्मी और उसके तीन रिश्तेदार 74.25 लाख की ठगी का शिकार हो गए। फर्जी दस्तावेजों की मदद से किसी और के प्लॉट उन्हें बेच दिए गए।  दो महिलाओं सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ तहसील थाने में प्रकरण दर्ज किया गया। 

महिला ने दिया था कम दाम का लालच
पीड़ित बैंक कर्मी अशोक धकाते (66), जागनाथ बुधवारी निवासी और उसका भतीजा प्रशांत धकाते, उसकी पत्नी रोहिणी और दामाद अरविंद कुंभारे है। आरोपी जयंत प्रभाकर झांबरे, स्वावलंबी नगर, शैलेश किरण सातपुते, चित्रा विजय बाकरे व अन्य है। बताया जाता है कि, जब अशोक इतवारी स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा  की शाखा में कार्यरत था उस समय एक महिला ने उसे कम दाम में प्लॉट बेचने की बाता बताई थी। अशोक और उसके रिश्तेदार भी प्लॉट खरीदना चाहते थे, तो उसने यह बात अपने रिश्तेदारों को बताई। 

सात प्लॉट खरीद लिए
बाद में प्लॉट पसंद आने पर अशोक ने मौजा दाभा, हरपुर और रमना मारोती नगर में कुल सात प्लॉट खरीदे। प्रशांत और उसकी पत्नी ने भी दाभा में, जबकि अरविंद ने सोमलवाड़ा में प्लॉट खरीदा था। यह प्लॉट किसी और के थे, लेकिन आरोपियों ने खुद के बताकर फर्जी दस्तावेजों की मदद से यह प्लॉट बेचे थे। प्लॉट की कुल रकम 74 लाख 25 हजार रुपए भी आरोपियों को दिए गए हैं। बाद में पता चला कि, जो प्लॉट आरोपियों ने खुद के बताकर बेचे हैं वह किसी और के प्लॉट हैं। मामला थाने पहुंचा। जांच-पड़ताल में धोखाधड़ी की पुष्टि होने पर शुक्रवार को आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया गया। जांच जारी है

पिता-पुत्र ने तीन युवाओं से की लाखों की ठगी
कोर्ट के सेवानिवृत्त लिपिक और उसके पुत्र का फर्जीवाड़ा उजागर हुआ है। नौकरी का झांसा देकर तीन मित्रों से लाखों रुपए ऐंठ लिए। प्रकरण उजागर होने पर शुक्रवार को लकड़गंज थाने में आरोपी पिता-पुत्र के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया गया।  

पिता को बताया बैंक अधिकारी
पीड़ित विक्रम दिलीप रतनानी (30), क्वेटा कालोनी और उसके मित्र शशांक मेंगरे और पराग हैं। आरोपी पिता-पुत्र अशोक शेषराव उके (63), गौरव उके (26), अमरावती रोड स्थित अशोक ले-आउट निवासी हैं। विक्रम कोचिंग क्लास चलाता है। 20 जनवरी 2020 को गौरव किसी काम के चलते विक्रम के कोचिंग क्लास में गया और बातों ही बातों में उसने विक्रम को बताया कि, उसके पिता अशोक कोटक महिंद्रा बैंक में ह्यूमन रिर्सोसेस पद पर हैं। पिता की अच्छी पहुंच होने की झूठी कहानी गढ़कर गौरव ने बताया कि, उसके पिता कई लोगों को नौकरी लगा चुके हैं। झांसे में आए विक्रम ने भी गौरव से कहा कि, उसके लिए नौकरी की बात अपने पिता से करे। 

ज्वाइन करने पहुंचे तब हुआ खुलासा
रुपए लेने के बाद तीनों मित्रों को ऑनलाइन फर्जी नियुक्ति-पत्र थमाया। जब पीड़ित संबंधित विभाग में नियुक्ति-पत्र लेकर ड्यूटी ज्वाइन करने पहुंचे तब इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। 

दो युवाओं ने दिए क्रमश: साढ़े नौ व सात लाख रुपए
पश्चात गौरव ने एक बार अपने पिता और विक्रम की मुलाकात भी करा दी। इस मुलाकात में विक्रम को नौकरी के बदले में लाखों रुपए खर्च बताया गया। विक्रम रकम देने के लिए तैयार हो गया। यह बात विक्रम ने अपने मित्र शशांक और पराग को बताई, तो वह भी नौकरी के लिए रुपए देने को तैयार हो गए। लिहाजा, अशोक और गौरव ने कोटक महिंद्रा बैंक में मैनेजर की नौकरी देने का झांसा देकर विक्रम से 7 लाख, शशांक से साढ़े 9 लाख और पराग से लाखों रुपए ऐंठ लिए। 
 

Created On :   26 Jun 2021 4:01 PM IST

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