ठगबाज मामा ने भांजी के पति को भी नहीं छोड़ा, 3.45 लाख का लगाया पलीता

Thugbaaz Mama did not leave nieces husband as well, levied 3.45 lakhs
ठगबाज मामा ने भांजी के पति को भी नहीं छोड़ा, 3.45 लाख का लगाया पलीता
ठगबाज मामा ने भांजी के पति को भी नहीं छोड़ा, 3.45 लाख का लगाया पलीता

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नंदनवन क्षेत्र में एक मामा ने दोस्तों के साथ मिलकर अपनी उच्च शिक्षित भांजी को नौकरी दिलाने और उसके पति को 12वीं पास का सर्टिफिकेट बनाकर दिलवाने के नाम पर 3.45 लाख रुपए की धोखाधड़ी की।  आरोपियों ने पीड़ित से करीब 5 लाख 50 हजार रुपए दोनों काम के बदले में लिए थे, लेकिन उनकी असलियत उजागर होने पर जब पीड़ित ने अपने पैसे वापस मांगे तो आरोपियों ने उनके 3 लाख 45 हजार रुपए वापस नहीं किए। तब पीड़ित  ने पत्नी के मामा देवेंद्र नारायण काटे (43) शास्त्रीनगर नागपुर, गगन दुरुगकर (25), तुषार गोणारकर (21) दसरा रोड और निशांत दिलीपराव गोणारकर (21) के खिलाफ नंदनवन थाने में शिकायत की। पुलिस ने उक्त चारों आरोपियों पर धारा 420, 465, 468, 34 के तहत मामला दर्ज किया है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार प्लाट नं. 136, भरतवाड़ा कराडे नगर, कलमना नागपुर निवासी बालकृष्ण मूलचंद आचार्य (47) ने पत्नी के मामा देवेंद्र काटे, गगन दुरुगकर, तुषार गोणारकर और निशांत गोणारकर के खिलाफ नंदनवन थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है। बालकृष्ण ने पुलिस को  बताया कि आरोपी देवेंद्र उसकी पत्नी का मामा है। उसने अपने उक्त दोस्तों के साथ मिलकर  मार्च 2016 से 21 अगस्त 2020 के दरमियान ठगी की। बालकृष्ण नैचरोपैथी योगा के क्लासेस चलाता है। बालकृष्ण  10वीं अनुत्तीर्ण होने के कारण शासन की ओर से योगा कोर्स (प्रशिक्षण) हासिल नहीं कर पा रहे थे। इसके लिए कम से कम 12वीं उत्तीर्ण  होना जरूरी है। वह योगा का प्रशिक्षण हासिल करना चाहते थे। यह बात उसकी पत्नी के रिश्तेदार देवेंद्र काटे (मामा) को पता चली।

 देवेंद्र ने बालकृष्ण  से कहा कि मेरी बड़े-बड़े अधिकारियों से जान पहचान है। मैं तुमको एक साल में  12वीं पास का सर्टिफिकेट दिलवा दूंगा। इसके लिए 45 हजार रुपए का खर्च आएगा। बालकृष्ण ने देवेंद्र को वर्ष 2016 में 45 हजार रुपए  दे दिए। वर्ष 2017 में बालकृष्ण आचार्य की पत्नी का भी एम. ए. का शिक्षण पूरा हो गया। आरोपी देवेंद्र ने बालकृष्ण से कहा कि वह उसकी पत्नी को भी नौकरी दिला देगा। इस कार्य के लिए आरोपी देवेंद्र ने अपने दोस्त  तुषार गोणारकर और निशांत दिलीपराव गाेणारकर को अपने साथ शामिल कर लिया। आरोपियों ने इसके लिए बालकृष्ण आचार्य से करीब  5,50,000 रुपए वर्ष 2017 में ले लिए। आरोपियों ने रुपए लेने के बाद बालकृष्ण  की पत्नी को नौकरी नहीं लगाकर दी। जब बालकृष्ण ने अपने पैसे वापस मांगे तो आरोपियों ने उनको 2,50,000 रुपए वापस कर दिए। बाकी 3 लाख रुपए वापस नहीं किए। 

सूची में नाम ही नहीं था
आरोपी देवेंद्र ने अपने मित्र आरोपी गगन दुरुगकर के कम्प्यूटर लैब में बालकृष्ण को वर्ष  2018 में ले गया। आरोपियों ने बालकृष्ण को दिल्ली बाेर्ड सेक्टर का 12वीं पास  का सर्टिफिकेट दे दिया। बालकृष्ण ले उस  सर्टिफिकेट को दूसरे कम्प्यूटर लैब में जाकर चेक करवाया तो उसका सूची में नाम नहीं था। बालकृष्ण को समझ में आ गया कि आरोपी देवेंद्र ने गगन के साथ मिलकर धोखा दिया है। उसने देवेंद्र ने अपने 45 हजार रुपए वापस मांगे तो वह टालमटोल करने लगा। इस तरह आरोपियों ने बालकृष्ण आचार्य के साथ करीब 3,45,000 रुपए की धोखाधड़ी की। नंदनवन के थानेदार सांदिपनी पवार के आदेश पर थाने के सहायक पुलिस निरीक्षक राऊत ने आरोपियों पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया। पुलिस मामले की जांच कर रही है। 

 

Created On :   9 Nov 2020 12:45 PM IST

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