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गोरेवाड़ा रेस्क्यू सेंटर में बाघ 12, पिंजरे 10, तेंदुए के पिंजरे में रखने की नौबत
डिजिटल डेस्क, नागपुर। गोरेवाड़ा रेस्क्यू सेंटर में बाघों की संख्या बढ़ती जा रही है, लेकिन उनके रहने की जगह कम पड़ रही है। मजबूरी में बाघ को तेंदुए के पिंजरे में रखना पड़ रहा है। इन दिनों रेस्क्यू सेंटर में बाघ 12 हैं, लेकिन पिंजरे 10 हैं।
बाघों का हो रहा उपचार
गोरेवाड़ा रेस्क्यू सेंटर में पूरे राज्य से घायल वन्यजीवों को लाया जाता है और उनका उपचार किया जाता है। इसके अलावा जो वन्यजीव नरभक्षी बन जाते हैं, उन्हें भी यहीं ला कर रखा जाता है। यहां बाघों की संख्या 12 होने से पहले से मौजूद 10 पिंजरे कम पड़ रहे हैं, इसलिए प्रशासन को तेंदुओं के पिंजरे से काम चलाना पड़ रहा है। वर्तमान में यहां 8 बाघ व 2 शावक हैं। आगामी दिनों में यहां और दो नए बाघ लाए जाएंगे। इनका सेंटर के अस्पताल में उपचार चल रहा है। इन्हें ब्रह्मपुरी व देवलापार के जंगलों से घायलावस्था में लाया गया है। पैर में फ्रैक्चर और अन्य कारणों से लाया गया है। डॉक्टरों की मानें तो दोनों घायल बाघ जल्द ही स्वस्थ होे जाएंगे। उसके बाद इन्हें रखने के लिए स्वतंत्र दो पिंजरों की जरूरत होगी।
शावकों को तेंदुए के पिंजरे में शिफ्ट करेंगे
हमारे पास 10 बाघ के पिंजरे हैं। सभी में बाघ मौजूद हैं। 2 बाघों का उपचार चल रहा है। उनके ठीक होने के बाद उनके लिए पिंजरे की जरूरत पड़ेगी। ऐसे में जो बाघ के दो शावक हैं, उन्हें तेंदुए के पिंजरे में शिफ्ट करेंगे। -पी. पंचभाई, व्यवस्थापक, गोरेवाड़ा प्रकल्प नागपुर
Created On :   9 July 2021 10:41 AM GMT