महुआ फूल चुनने गए शख्स को बाघ ने बनाया निवाला, आधा कि.मी दूरी पर मिला अधखाया शव

Tiger attack and eat labourer at rampuri forest maharashtra
महुआ फूल चुनने गए शख्स को बाघ ने बनाया निवाला, आधा कि.मी दूरी पर मिला अधखाया शव
महुआ फूल चुनने गए शख्स को बाघ ने बनाया निवाला, आधा कि.मी दूरी पर मिला अधखाया शव

डिजिटल डेस्क, ब्रम्हपुरी(चंद्रपुर)। तहसील के रामपुरी एकारा बुज जंगल में पत्नी के साथ महुआ फूल चुनने गए खेतिहर मजदूर  की घात लगाए बैठे बाघ के हमले में मौत हो गई।  करीब आधे किमी तक घसीटकर ले जाकर बाघ ने धड़ से सिर को अलग करते हुए शव का कुछ हिस्सा खा लिया। इस घटना से परिसर में दहशत व्याप्त है। ग्राम रामपुरी (मेंडकी) जानकीराम शंकर भलावी (50) मृत व्यक्ति का नाम बताया जाता है। घटना बुधवार को सुबह की है। 

घात लगाए बैठा था बाघ
जानकारी के अनुसार ब्रम्हपुरी तहसील के रामपुरी निवासी जानकीराम भलावी हमेशा की तरह अपनी पत्नी अनुसया को लेकर गांव के अन्य लोगों के साथ बुधवार की सुबह  रामपुरी से 2 किमी दूरीपर स्थित रामपुरी एकारा बुज जंगल में महुआ फूल संकलन के लिए गए थे। सभी लोग अगल-अलग पेड़ के नीचे महुआ फूल चुन रहे थे। इसी बीच घात लगाए बैठे बाघ ने जानकीराम पर हमला कर दिया। जानकीराम को आधे किमी तक घसीटते हुए एकारा अंतर्गत अर्जुनी बीट में ले जाकर सिर को धड़ से अलग कर दिया। शरीर को निर्वस्त्र करते हुए कुछ हिस्सा बाघ ने खा लिया। दरम्यान पत्नी द्वारा महुआ फूल चुनकर होने के बाद उसने पति को आवाज दी। लेकिन कुछ जवाब नही मिला।  जाकर देखा तो पति वहां नही थे, उनका दुपट्टा खून से लथपथ पड़ा था।

पत्नी की चीख-पुकार से इकट्‌ठा हुए लोग
पास में चप्पल पड़ी दिखी व घसीटने के निशान दिखाई दिए। अनुसया की चीख-पुकार सुनकर अन्य लोग दौड़कर चले आए।  ढूंढने पर मौके से आधे किमी दूरी पर पर अर्जुनी बीट में झाड़ियों में जानकीराम का अधखाया शव दिखाई दिया। घटना की जानकारी गांव में मिलते ही लोग जंगल में पहुंचे। सूचना मिलने पर वन विभाग व पुलिस विभाग की टीम मौके पर पहुंची।  पंचनामा करते हुए लाश को शव विच्छदेन हेतु ब्रम्हपुरी के अस्पताल में भेज दिया। मौके पर मेंडकी के थानेदार खेडीकर, वन विभाग के गरमले, सूर्यवंशी, राऊत  थे। वनविभाग ने तत्काल आर्थिक मदद देने की बात कही। जानकीराम भलावी भूमिहीन है। वह खेत में मजदूरी करते थे। साथ ही महुआ फूल संकलन करते थे। उनके पश्चात पत्नी, दो बेटियां, एक बेटे का परिवार है। घटना से उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पडा है। 

महुआ फूल पर जीवनयापन
घटना से रामपुरी एकारा व अन्य गांवों में लोग दहशत में हैं। गांव के लोग महुआ फूल चुनकर अपना जीवनयापन करते हैं। बुधवार की सुबह हुई इस घटना से मजदूर परिवार चिंतित हो उठे हैं।  खेत व जंगल परिसर में जाएं कैसे यह प्रश्न निर्माण हुआ है। 

आधा दर्जन से अधिक लोगों को उतारा मौत के घाट
बताया जाता है कि इस वर्ष बाघ ने आधा दर्जन से अधिक लोगों को मौत के घाट उतारा है। कुछ दिन पूर्व पद्मापुर, हलदा, बोडदा, आवलगांव, चिचगांव, मुरपार, गोगांव, सायगांव आदि गांव के लोगों को बाघ ने अपना निशाना बनाया है। बाघ को नरभक्षक बताया जा रहा है। कुछ दिन पूर्व ही किसान सभा के नेता कॉ.विनोद झोडगे ने इस क्षेत्र के बाघ व अन्य वन्यजीवों का बंदोबस्त करने की मांग को लेकर वनमंत्री मुनगंटीवार के साथ मुंबई में बैठक की थी। परिसर के नरभक्षक बाघों को पकड़कर अन्य जगह स्थानांतरित करने का निर्णय हुआ था। पद्मापुर के एक बाघ को पकड़ा गया। लेकिन अन्य बाघों की ओर अनदेखी की गई। फलस्वरूप बाघ के हमले बदस्तूर जारी है। जिससे नागरिकों में रोष व्यक्त किया जा रहा है।

Created On :   27 March 2019 9:39 AM GMT

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