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टाइगर की दहाड़ से गूंजा नरोहिल, दहशत में लोग, ग्रामीणों को शाम के बाद घर से न निकलने की दी चेतावनी

डिजिटल डेस्क सतना। सतना जिले के नरोहिल में शाम होते ही टाइगर की दहाड़ गूंजने लगती है। परसमनिया पठार के पनिहाई, झलमला, धनिया के जंगलों और आमिन बैसा गांव के खेतों में चहलकदमी करने के बाद टाइगर नरो पहाड़ पर आ पहुंचा है। यहां टाइगर ने एक जंगली सूअर का शिकार भी किया है।
बाघों का पुराना रहवास रहा है पहाड़
जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर की दूरी पर पहाड़ से सटे गुड़हरू गांव की रोपणी में बाघ और जंगली सुअर के बीच घंटों संघर्ष चला। इस दौरान टाइगर की दहाड़ से पूरा पहाड़ झनझना गया। सुबह लोगों को नर्सरी में खून के छीटे तथा घसीटे जाने के निशान 100 मीटर तक मिले। जानकारों का मानना है कि परसमनिया पठार में बीते 2 सप्ताह से मौजूद टाइगर धनिया जंगल से उतरकर भरहुत के रास्ते नरोहिल आ पहुंचा। यह ऐतिहासिक पहाड़ बाघों का पुराना रहवास रहा है।
आधा दर्जन गांवों में मुनादी पिटवायी
उप वन मंडलाधिकारी धीरेन्द्र प्रताप सिंह ने नरोहिल में टाइगर की मौजूदगी की पुष्टि करते हुए कहा कि सुरक्षा के नजरिए से नरोहिल से सटे आधा दर्जन गांवों में मुनादी करवा कर ग्रामीणों से कहा गया है कि शाम ढलने के बाद घरों से बाहर नहीं निकले। यह अनुमान है कि बाघ अभी फारेस्ट डवलपमेंट की बड़ी नर्सरी के भीतर ही मौजूद है। यह टाइगर आमिन से आया है या पठार की तरफ से पगमार्क का मिलान कर इसकी पुष्टि कराई जा रही है।
वन अधिकारियों की बढ़ी चिंता
बीती रात गुड़हरू गांव की नर्सरी तक पहुंचकर दहाडऩे वाले टाइगर को लेकर वन अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है। चिंता इस बात की भी है कि अगर टाइगर आसपास की व्यस्ततम सड़क तक पहुंच गया या रेल पटरी पर जा पहुंचा तो उसकी जान को भी खतरा हो सकता है।
Created On :   18 Jan 2019 10:51 PM IST