महाराजबाग की रौनक बढ़ाने अब औरंगाबाद से आएगा बाघ, बाघिन जान को मिलेगा साथी

tiger soon brought to the Nagpurs Maharajbag from Aurangabad
महाराजबाग की रौनक बढ़ाने अब औरंगाबाद से आएगा बाघ, बाघिन जान को मिलेगा साथी
महाराजबाग की रौनक बढ़ाने अब औरंगाबाद से आएगा बाघ, बाघिन जान को मिलेगा साथी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महाराजबाग की रौनक बढ़ाने जल्द ही औरंगाबाद से बाघ को लाया जा सकता है। महाराजबाग में 2 साल से बाघ की कमी बनी हुई, जिसे भरा जा सकेगा। वहीं महाराजबाग में रहनेवाली बाघिन जान को भी साथी मिल सकेगा। प्रशासन ने इसे लेकर चीफ कन्सर्वेटर ऑफ फॉरेस्ट को पत्र भी लिखा है। सूत्रों के अनुसार राज्य में बने जू में रखे अतिरिक्त बाघ को एक्सचेंज करने की प्रक्रिया चल रही है। इसी कड़ी में औरंगाबाद से नागपुर के लिए बाघ लाया जा सकता है।

उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र राज्य में कुल 9 चिड़ियाघर हैं। जिसमें नागपुर के महाराजबाग के साथ मुंबई के वीरमाता जीजाबाई जू , पुणे का मैना चौधरी जू,  सोलापुर का महात्मागांधी जू,  राजीव गांधी जू आदि शामिल हैं। नागपुर का महाराजबाग जू वर्षों पुराना है। नागपुर के लोगों के व नागपुर के आसपास रहनेवाले ग्रामीण इलाकों के लिए यह आकर्षण का केन्द्र भी है। रोजाना यहां बड़ी संख्या में सैलानी पिंजरे में रखे वन्यजीवों को देखने के लिए पहुंचते हैं। भालू, तेंदुआ, बंदर, लोमड़ी, घडियाल, केछुआ, सांबर, हिरण आदि वन्यजीव इन दिनों जू में मौजूद हैं। जिसे देखना हर किसी को पसंद है। लेकिन बाघ की कमी सैलानियों को लंबे समय से खल रही है।

वर्तमान स्थिति में यहां एक जान नामक बाघिन है, लेकिन बाघ 2 वर्षों से नहीं है। 2 वर्ष पहले तक यहां साहेबराव नामक बड़ा बाघ हर किसी के लिए आकर्षण था। लेकिन उसे यहां से गोरेवाड़ा भेजा गया। महाराजबाग में तब भी दो फिमेल बाघिन जान व जूही हर किसी का ध्यान खींचती थी। लेकिन गत कुछ माह पहले ही सांप के काटने से जूही की मौत हो गई। तब से बड़े पिंजरे में जान अकेली है। गतिविधियों से जुड़े सूत्रों ने बताया कि, टाइगर का कुनबा बढ़ाने के लिए राज्य व देश में बने जू आपस में अतिरिक्त बाघ-बाघिन को एक्सेंज कराते हैं। जिसमें पुणे, मुंबई के साथ इस बार नागपुर का भी सामावेश हैं। दरअसल महाराजबाघ प्रशासन ने बाघ की मांग की है। सेट्रल जू ऑथोरीटी की सहमति मिलने के बाद औरंगाबाद के सिद्धार्थ उद्यान से एक बाघ को महाराजबाघ में भेजा जा सकता है। जिसके बाद यहां बाघ व बाघिन की मौजूदगी देखने मिल सकती है।

महाराजबाग के 10 चीतलों की मेलघाट में शिफ्टिंग

महाराजबाग के लगभग 10 चीतलों को मेलघाट भेजने की तैयारी है। मेलघाट टाइगर रिजर्व क्षेत्र में पहले फेंसिंग में कुनबा बढ़ाने के लिए रखा जाएगा। फिर उन्मुक्त जीवन जीने के लिए जंगलों में छोड़ा जाएगा। जू  में जब किसी जानवर की संख्या बढ़ जाती है। तो उन्हें कुदरती जीवन जीने के लिए ऐसी जगह पर छोड़ा जाता है, जहां उनकी प्रजाति की कमी होती है।

Created On :   19 Sep 2018 8:51 AM GMT

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