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सतपुड़ा रिजर्व के तीन टाइगर भागे, एक घूम रहा सारणी सिटी में
डिजिटल डेस्क, बैतूल। सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से तीन टाइगर गायब हैं। वे रिजर्व की सीमा लांघ गए हैं। इनमें से एक बैतूल जिले के सारणी सिटी एरिया में घुमते हुए देखा गया है।जिसके चलते रहवासी दहशत में हैं। सतपुड़ा प्लांट की ऑफिसर्स एबी टाइप कॉलोनी में बाघ ने एक गाय पर भी हमला किया। बाघ को पकड़ने के लिए शाम को रेस्क्यू ऑपरेशन भी चलाया गया, लेकिन बाघ रेस्क्यू टीम के हाथ नहीं लगा। बाघ की लोकेशन को ट्रेस करने के लिए कई कैमरे लगाए गए हैं।
बैतूल डिस्ट्रिक्ट की फॉरेस्ट ऑफिसर राखी नंदा ने कहा, "बाघ रिहायशी इलाके में घुस आया है, हमने लोगों को जागरूक करने की कोशिश की है ताकि संघर्ष की स्थिति से बचा जा सके।" पर्यावरणविद और आरटीआई एक्टिविस्ट अजय दुबे ने कहा, "यह पार्क प्रबंधन की पूर्ण विफलता है।" उन्होंने कहा, वन अधिकारियों ने इस मामले में तब तक कार्रवाई नहीं की जब तक उन्होंने इस मामले को नेशनल टाइगर कंजर्वेशन अथॉरिटी (NTCA) के के सामने नहीं उठाया।
शनिवार को दोपहर करीब 2 बजे राख निकालने का काम करने वाली कंपनी के कुछ लोगों ने बाघ को धूमते देखा। बाघ घूमते हुए खुले मैदान में चर रही एक गाय की ओर धीरे-धीरे बढ़ा और अचानक ही उस पर हमला कर दिया। इसके बाद रहवासी घायल गाय को पशु चिकित्सालय ले गए। बाघ की मौजूदगी को देखते हुए डैम में राख की ड्रेजिंग करने वाली कंपनी का काम बंद करा दिया गया है। ऑफिसर्स कॉलोनी में वन विभाग ने अनाउंसमेंट कराकर लोगों को घर के भीतर ही रहने की सलाह दी है।
वन विभाग के अधिकारियों को बाघ के पग मार्क मिले हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक बाघ को आखिरी बार सतपुड़ा ताप इलेक्ट्रिसिटी ऑफिस के पास शाम करीब 05.30 बजे देखा गया था। बता दें कि सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के मेलघाट एरिया से सटे लोनिया, खैरवानी, आमढाना, शक्तिगढ़, छतरपुर पंचायत के जंगलों में बाघ का खौफ है। इन पंचायत अंतर्गत आने वाले जंगल से सटे गांवों में गाय, बैल और बछड़े का शिकार बीते दो माह से लगातार हो रहा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि बाघ अभी भी मेलघाट टाइगर रिजर्व के 50 किलोमीटर के दायरे में और सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के 100 किलोमीटर के दायरे में हो सकता है।
Created On :   2 Dec 2018 1:15 PM GMT