- Home
- /
- बाघ के भय से भूखे मरने की कगार पर...
बाघ के भय से भूखे मरने की कगार पर हैं आदिवासी, महुआ है आय का एकमात्र साधन

डजिटल डेस्क कटनी । बाघ और महुआ आदिवासियों के लिए जीवन और मरण का प्रश्न बन गया है। बरही वन परिक्षेत्र में उधर बाघ से जीवन का खतरा तो दूसरी तरफ ग्रामीणों के सामने पूरे साल की आर्थिक मजबूती हाथ से फिसलती जा रही है। 22 दिन के भीतर बाघ ने दो महिला एवं एक प्रौढ़ को अपना निवाला बना लिया। बाघ का चहलकदमी से आसपास क गांवो में दहशत का माहौल बरकरार है। बुधवार को भी चार हाथियों के दल से बाघ की खोज की गई। वन विभाग की टीम गावों के आसपास बाघ पर निगरानी कर रहा है।
गावों पर एक नजर
जानकारी के मुताबिक बरही वन परिक्षेत्र के जंगल के आसपास बसे वन ग्रामों में 40 हजार लोग निवास करते है। आदिवासियों का आर्थिक स्रोत वनोपज पर आधारित है। कुआं, करौंदी, ददराटोला, झिरिया नर्सरी, खितौली सहित अनेक गावों में आदिवासियों की संख्या 15 से 20 हजार है। जंगलो में अन्य वृक्षो के साथ महुआ के पेड़ बहुतायत में है। महुआ और उसकी फली कई मायने में दवा के साथ अन्य कार्यो में लाभदायक साबित होती है। महुआ उनका आर्थिक स्रोत बन गया है।
महुआ बीनते समय दो पर हमला
वन विभाग के अफसरों का कहना है कि 22 दिन के भीतर बाघ ने एक पुरुष एवं दो महिलाओं को अपना निवाला बना लिया। एक अन्य घटना में बाघ के हमले में 14 वर्षीय बालिका घायल हो गई। विभागीय अफसरों ने बताया कि आदिवासी जंगल में महुआ बिनकर उसे एकत्र करते है। महुआ का उपयोग वे कई तरीके से करते है। देशी शराब, लाटा (लड्डू) सहित अनेक कार्यो में उपयोग किया जाता है। साथ में उसे बाजार में बिक्री कर राशन का जुगाड़ करते है। यही उनकी पूरे साल की कमाई होती है। इसके अलावा वन ग्राम के निवासी लकड़ी और अन्य उपज से आर्थिक स्थिति को मजबूत करते है।
हाथियों का दल वापस लौटा
दिन भर जंगल में हाथियों का दल बाघ की खोज में निकलने के बाध शाम ढ़लते वापस लौट आता है। बुधवार को भा चार हाथियों का दल जंगल में बाघ की खोज में जंगल गया था। साथ में 22 कर्मियों का दल भी बाघ और उसके कुनबे को खोजने के लिए जंगल में खाक छान रहा है। विभाग ने जगह-जगह सेंसर कैमर लगाकर बाघ के मंूवमेंट पर नजर रख रहे है।
बाघ के पकडऩे का फर्जी वीडियो वायरल
बाघ की चहलकदमी से जहां एक ओर ग्रामीण दहशत में जा रहे है। वहीं, दूसरी ओर किसी शरारती तत्व ने वाट्सअप ग्रुप में बाघ के पकड़े जाने का वीडियो अपलोड किया है। हालांकि वन विभाग के अफसरों ने वीडियो को फर्जी करार दिया है। साइबर एक्सपर्ट का कहना है कि बाघ जो वीडियो जारी हुआ है, वह शेयरचैट से अपलोड किया गया है। वीडियो कई ग्रुपो में चल रहा है।
इनका कहना है
वाट्सअप जो वीडियो वायरल हुआ है, वो फर्जी है। विभागीय एवं रेस्क्यू टीम लगातार बाघ पर नजर रखा रहा है। जल्द ही बाघ को सुरक्षित रूप से पकड़ लिया जाएगा।
अजय कुमार पांडेय, डीएफओ
Created On :   12 April 2018 1:46 PM IST