- Home
- /
- नागपुर जिले में फारेस्ट एरिया में...
नागपुर जिले में फारेस्ट एरिया में तेजी से बढ़े बाघ, 60 से 80 हुए
डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर जिले के जंगल इलाकों में तेजी से बाघों की संख्या बढ़ रही है। सबसे ज्यादा बाघ पेंच क्षेत्र में हैं। इसके बाद प्रादेशिक इलाके में भी लगभग 25 बाघ हैं। गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष बाघों की संख्या बढ़ी है। यह आंकड़े उनके संरक्षण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता सही साबित कर रहे हैं।
रंग ला रही हैं योजनाएं : कुछ समय पहले तक बाघों का ठीक से संरक्षण नहीं हो पा रहा था। अवैध शिकार के अलावा खेतों में लगे बिजली के तार उनके लिए जानलेवा साबित हो रहे थे। गत 4 साल से बाघों के प्रति सतर्कता कुछ ज्यादा बढ़ी है। यही कारण है कि सिर्फ नागपुर जिले में ही नहीं, विदर्भ सहित पूरे प्रदेश में बाघों की संख्या बढ़ी है। कुछ बाघ वाइल्ड लाइफ एरिया में हैं, तो कुछ प्रादेशिक एरिया में। नागपुर जिले में उमरेड, पूर्वी पेंच अंतर्गत देवलापार, पूर्वी पेंच रेंज, चोरबाहुली, पवनी यूनिफाइड कंट्रोल पश्चिमी पेंच अंतर्गत नागलवाड़ी, सालेघाट का क्षेत्र आता है। यह पूरा क्षेत्र करीब 800 वर्ग किमी का है। यहां गत वर्ष तक बाघों की संख्या 55 से 60 के करीब थी, लेकिन इस साल इनकी संख्या में इजाफा हुआ है।
उमरेड : 10 से 12 पर पहुंचे : जिले के उमरेड करांडला को बाघों के लिए जाना जाता है। इसमें उमरेड-कुही और पवनी क्षेत्र आता है। भले ही यहां जंगल का दायरा कम है, लेकिन 189 वर्ग किलोमीटर में बाघों की संख्या ज्यादा है। हर साल इसमें इजाफा हो रहा है। गत वर्ष तक यहां 10 बाघ थे, जिसमें शावक नहीं थे, लेकिन इस बार बाघों की संख्या बढ़ गई है। 12 पर पहुंच गई है। इसमें नए शावक भी शामिल हैं। उमरेड-कुही में 2 बाघिन व 1 बाघ है। इसमें एक बाघिन के 4 शावक हैं। पवनी में एक बाघ व एक बाघिन है। बाघिन के 2 मादा शावक हैं, जो अब पलायन की स्थिति में है।
पेंच में भी बढ़ी संख्या: : इसी तरह 750 वर्ग किमी में फैले पेंच क्षेत्र में 50 बाघ मौजूद हैं। गत वर्ष यह आंकड़ा 39 पर था। इसके अलावा प्रादेशिक इलाके में 23 बाघ मौजूद है, जबकि गत वर्ष 11 बाघ ही प्रादेशिक इलाके में थे।
Created On :   29 July 2021 5:42 AM GMT