- Home
- /
- टिमकी हत्याकांड: मर्डर के बाद बचने...
टिमकी हत्याकांड: मर्डर के बाद बचने के उपाय तलाश रहा था आरोपी, रास्ता नजर न आने से लगाई फांसी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। टिमकी हत्याकांड में नई-नई परतें खुल रही हैं। आलोक का मोबाइल खंगालने पर कई खुलासे हुए हैं। जघन्य हत्याकांड को अंजाम देने के बाद आलोक पुलिस से बचने का उपाय अपने मोबाइल में ढूंढ़ रहा था, जिसके चलते हत्याकांड के बाद उसने सास के मोबाइल से खुद को ही फोन लगाया था। पुलिस ने उसके दोनों बच्चों के डीएनए सैंपल जांच के लिए भेज दिए हैं। इस घटना में और भी चौंकाने वाले खुलासे होने की उम्मीद है।
बचने का ढूंढ़ रहा था उपाय
टिमकी स्थित बागल अखाड़े के पास निवासरत आलोक माटुकर ने पत्नी विजया (35), पुत्री बिंटी (14), पुत्र साहिल (11), साली अमिषा (21), सास लक्ष्मी की हत्या की और खुद भी फांसी लगाकर मौत को गले लगा लिया। इस हत्याकांड को अंजाम देने के लगभग एक से डेढ़ महीने पहले से ही आलोक अपने मोबाइल में क्राइम पेट्रोल पर दिखाए जाने वाली वारदातों को देख रहा था। बुधवार को आलोक का मोबाइल खंगालने के बाद जांच दल को पता चला है की वह वारदात के बाद बचने का उपाय भी मोबाइल पर ढूंढ़ रहा था। रात 11:30 से 12 बजे के बीच उसने अमिषा और सास लक्ष्मी बोबडे की हत्या करने के बाद लक्ष्मी के मोबाइल से खुद के ही मोबाइल पर फोन किया था। जांच दल का मानना है की ऐसा करने के पीछे उसकी पुलिस को गुमराह करने की योजना रही होगी और उस वक्त उसके मन में आत्महत्या करने का इरादा नहीं होगा, लेकिन घर जाने के बाद पत्नी और बच्चों को मारने के बाद उसने आत्महत्या करने का मन बना लिया होगा।
कड़ियां जोड़ने का प्रयास घटित प्रकरण को लेकर यह भी कयास लगाया जा रहा है कि बच्चों को छोड़कर बाकी लोगों का उसने चाकू से गला रेत दिया, लेकिन पुत्री बिंटी और पुत्र साहिल के साथ ऐसा नही किया। साहिल का तकिए से मुंह दबाया गया है, जबकि पुत्री बिंटी के हाथ-पैर बांधकर उसके सिर पर हथोड़े से प्रहार किया गया है। पुलिस का तर्क है कि हाथ-पैर बांधने के पीछे का कारण बिंटी का प्रतिकार करना रहा होगा। चाकू से वह उसका भी गला रेत सकता था, लेकिन बुरी तरह से हथौड़े से प्रहार किया गया है। पड़ोसियों का कहना है कि बिंटी को आलोक बहुत प्यार करता था। पुलिस का मानना है की आलोक को बिंटी उसकी पुत्री नहीं होने का शक रहा होगा, जिससे दोनों बच्चों के सैंपल डीएनए टेस्ट के लिए भेजा गया है। प्रकरण की कड़ियां और भी जोड़ने का प्रयास जारी है।
लोगों में खौफ
शहर में गत कुछ दिनों से लगातार हत्याएं हो रही हैं, जिसके चलते पुलिस आयुक्त अमितेश कुमार ने स्थानीय महकमे के सभी अधिकारियों की क्राइम बैठक बुलाई थी। इस दौरान वारदातों की रोकथाम, अापराधिक तत्वों पर अंकुश लगाने के लिए कहा गया है। इसके साथ गश्त बढ़ाने पर भी जोर दिया गया है। सिलसिलेवार प्रकरणों से शहरवासियों में भय का माहौल है।
घटित प्रकरण
वर्ष 2018 में 1 जनवरी से 30 जून तक हत्या की 65 घटनाएं हुई थीं। वर्ष 2019 में 1 जनवरी से 30 जून तक 53 घटनाएं, वर्ष 2020 में 1 जनवरी से 30 जून तक 45 घटनाएं और चालू वर्ष में 1 जनवरी से अभी तक 47 हत्या की घटनाएं हो चुकी हैं, जबकि गत वर्ष मात्र जून महीने में ही हत्या की 17 घटनाएं हुईं और वर्तमान जून महीने में अभी तक हत्या की 8 वारदातें हो चुकी हैं।
Created On :   24 Jun 2021 1:50 PM IST