आरपीएफ जवान के सीने पर रहेंगे कैमरे, 26 जनवरी तक 10 बॉडी कैमरे मिलेंगे

To increase security, body cameras will be given to patrolling RPF personnel
आरपीएफ जवान के सीने पर रहेंगे कैमरे, 26 जनवरी तक 10 बॉडी कैमरे मिलेंगे
आरपीएफ जवान के सीने पर रहेंगे कैमरे, 26 जनवरी तक 10 बॉडी कैमरे मिलेंगे

डिजिटल डेस्क, नागपुर। सुरक्षा को बढ़ाने के लिए आरपीएफ के गश्त करनेवाले जवानों को बॉडी कैमरे दिये जाएंगे। यह कैमरे सिपाही के सीने पर लगा होगा। ऐसे में जब वह 8 घंटे ड्युटी करेगा तो कैमरे में सारी फुटेज रीकॉर्ड होगी। 26 जनवरी को नागपुर मंडल को 10 कैमरे मिलने जा रहे हैं। यह जानकारी दक्षिण पूर्व मध्य रेल के रेलवे सुरक्षा बल के महानिरीक्षक आरएस चौहान व मंडल सुरक्षा आयुक्त आशुतोष पांडे ने दी। शुक्रवार को महानिरीक्षक चौहान नागपुर आने के बाद मंडलिय कार्यालय में पत्रकारों से चर्चा के दौरान बोल रहे थे।

वर्तमान स्थिति में ट्रेनों में कुछ सिपाही गश्त करते हैं, गश्त के दौरान उन्हें कई अपराधिक गतिविधियों का सामना करना पड़ता है। कई बार कुछ यात्रियों द्वारा ठीक से व्यवहार नहीं होने से उन्हें परेशान भी होना पड़ता है। अब 26 जनवरी तक आरपीएफ नागपुर को 10 बॉडी कैमरा मिलेंगे। जिसकी मंजूरी भी मिल चूकी है। ये बॉडी कैमरा ट्रेनों में गश्ती दल को देने के बाद 8 घंटों की ड्यूटी की पूरी रिकार्डिंग हो सकेगी। इन कैमरों में आरपीएफकर्मी की सारी एक्टिविटी के साथ यात्री का व्यवहार भी रिकार्ड किया जा सकेगा। इससे आरोप-प्रत्यारोप के मामलों में दोनों पक्षों का सच सामने रहेगा। वही कैमरों से संवेदनशील घटनाओं को भी रीकॉर्ड करने में मदद मिलेगी।

चौहान ने बताया कि, जब से हमारी ओर से चोरी के मामलों को सुलझाया जा रहा है, तब से रेलवे सुरक्षा बल ने यात्री सामान की चोरी के मामलों को सुलझाने में बड़ी सफलता हासिल की है। आने वाले कुछ समय में और भी कई प्रकार के मामलों में जांच के अधिकार होने से आरपीएफ अधिक पावरफुल हो जायेगी। आरपीएफ आईपीसी पर ध्यान नहीं देती थी। लेकिन अब हम यात्री सामान की चोरी में भी जांच और गिरफ्तारी करते हैं। रेलवे एक्ट में संशोधन के बाद चोरी, महिलाओं से छेड़छाड़ और आईटी एक्ट के मामलों में आईपीसी का उपयोग करते हुए चार्जशीट भी हम ही फाइल करेंगे जो अभी नहीं होता है। हमारी मांग है कि रेलवे में तोड़फोड़ के मामलों में भी आईपीसी लगाई जाये।आरपीएफ ने सरकार से मांग की है कि ट्रेनों में महिला से छेड़छाड़ और आईटी एक्ट के तहत कार्रवाई के अधिकार भी दिये जाये। आईटी एक्ट की मदद से हम आनलाइन टिकट दलाली के रैकेट को जल्दी और अधिक मजबूती से समाप्त कर सकेंगे। पहले चोरी के अपराधों को भी लोहमार्ग पुलिस के सुपूर्द करना पड़ता था लेकिन जैसे ही इन अपराधों में कार्रवाई के अधिकार हमें मिले, कई मामले पकड़ में आने की बात भी स्वीकारी। उन्होंने बताया कि, महिला सुरक्षा को लेकर कई प्रयोग किए जा रहे हैं, जिसमें महिला बोगी को अलग पहचान देने के लिए अब खिड़कियों को पीला रंग  दिया गया है। 

Created On :   22 Dec 2018 12:06 PM GMT

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