- Home
- /
- बिजली दरों में स्थिरता के लिए...
बिजली दरों में स्थिरता के लिए अनुदान दे सरकार, आंदोलन की चेतावनी

डिजिटल डेस्क,मुंबई। राज्य में बिजली दरों में बढ़ोतरी रोकने और दरों को स्थिर रखने के लिए सरकारी बिजली कंपनी महावितरण को राज्य सरकार की तरफ से अनुदान दिया जाना चाहिए। कांग्रेस-राकांपा आघाडी सरकार के दौरान ऐसा किया गया था। विद्युत उपभोक्ता व औद्योगिक संघटन राज्य स्तरीय समन्वय समिति ने अपनी यह मांग पूरी न होने पर चक्काजाम आंदोलन की चेतावनी दी है। इसके पहले तत्कालीन आघाडी सरकार ने महावितरण को जनवरी 2014 से हर माह 600 करोड़ के हिसाब से 10 महिनों के लिए 6 हजार करोड़ रुपए दिए थे। अब विद्युत उपभोक्ता व औद्योगिक संघटन राज्य स्तरिय समन्वय समिति और महाराष्ट्र चेंबर के प्रतिनिधियों ने राज्य की मौजूदा फडणवीस सरकार से मांग की है कि राज्य की भाजपा सरकार भी सितंबर 2018 से मार्च 2020 तक 19 महिनों के लिए 3400 करोड़ रुपए महावितरण को दे।
साथ ही औद्योगिक बिजली की दर अगस्त 2018 के आधार पर स्थिर रखी जाए। इसके पहले सितंबर 2013 में राज्य के सभी बिजली उपभोक्ताओं के लिए 1 रुपए 50 पैसे प्रति यूनिट बिजली की दर बढ़ाई गई थी। इसके खिलाफ राज्य के सभी औद्योगिक संगठनों ने आंदोलन किया था। इसके बाद बिजली दरों में कमी के लिए तत्कालिन आघाडी सरकार ने राणे समिति का गठन किया था। राणे समिति की सिफारिश के आधार पर बिजली दरों में स्थिरता के लिए सरकारी बिजली कंपनी महावितरण को अनुदान देने का फैसला लिया गया था। यह अनुदान अक्टूबर 2014 तक शुरु था। इन संगठनों का कहना है कि अब मौजूदा सरकार को भी इसी तरह का निर्णय लेने की जरूरत है। महाराष्ट्र विद्युत उपभोक्ता संघठन के अध्यक्ष प्रताप होगाडे का कहना है कि महाराष्ट्र राज्य विद्युत नियामक आयोग ने भले ही उद्योगों के लिए बिजली दरों में 3 से 4 फीसदी बढ़ोतरी का ऐलान किया है पर वास्तव में यह 80 प्रतिशत उद्योगों के लिए 20 से 25 प्रतिशत तक की वृद्धि होगी।
करदाताओं को ही जाएगा पैसा
बिजली दरों में बढ़ोतरी रोकने के लिए सरकार द्वारा अनुदान देना एक जेब से पैसे निकाल कर दूसरे जेब में डालने जैसा है। इससे करदाताओं का पैसा ही जाएगा। इसलिए सरकार को दरों में स्थिरता के लिए अनुदान का सहारा लेने की तरकीब में विश्वास नहीं है। - विश्वास पाठक, निदेशक-महावितरण
Created On :   22 Dec 2018 5:51 PM IST