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अब कम कीमत में मिलेगी सेनेटरी नैपकिन, ‘अस्मिता’ योजना को हरी झंडी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य के ग्रामीण इलाकों की महिलाओं और किशोरियों को कम कीमत में सेनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराने के लिए सरकार ने ‘अस्मिता’ योजना शुरू करने का फैसला किया है। मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक में इसे मंजूरी दी गई। सरकार को उम्मीद है कि इससे व्यक्तिगत स्वच्छता बढ़ेगी और महिलाओं को कई बीमारियों से छुटकारा मिलेगा। दरअसल स्वास्थ्य से जुड़े कई सर्वेक्षणों में साफ हुआ है कि मासिक धर्म के समय जरूरी उपाय न करने पर महिलाओं और लड़कियों में प्रजनन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं।
मासिकधर्म के दौरान स्कूल, कॉलेज नहीं जा पाती लड़कियां
इसके अलावा 11 से 19 साल आयुवर्ग की ज्यादातर लड़कियां साल के 50 से 60 दिन मासिकधर्म के दौरान स्कूल, कॉलेज नहीं जा पाती। योजना के जरिए सरकार इस समस्या को भी हल करना चाहती है। योजना के तहत स्वयं सहायता समूहों के जरिए ग्रामीण इलाकों की महिलाओं और लड़कियों को कम कीमत पर सेनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा इन्हें व्यक्तिगत स्वच्छता से जुड़ी जानकारी, शिक्षा और संवाद के जरिए दी जाएगी। स्वयं सहायता समूह अस्मिता ब्रैंड नाम से 240 मीमी वाले आठ सेनेटरी नैपकीन 24 रुपए में और 280 मीमी वाले आठ नेपकिन 29 रुपए में उपलब्ध कराएंगे।
पांच रुपए प्रति पैकेट की दर से सेनेटरी नैपकिन
जिला परिषद स्कूलों में 11 से 19 साल की लड़कियों को पांच रुपए प्रति पैकेट की दर से सेनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराए जाएंगे। मांग और आपूर्ति के लिए एक खास मोबाइल ऐप भी तैयार किया जाएगा। जिला परिषद स्कूलों में न पढ़ने वाली लड़कियों के लिए भी सार्वजनिक स्वास्थ्य विभाग की ओर से अस्मिता योजना चलाई जाएगी।
हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा था सवाल
इससे पहले बांबे हाईकोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकार रियायती दरों में महिलाओं को सेनेटरी नैपकिन उपलब्ध कराने पर विचार करे। नैपकिन के इस्तेमाल को लेकर राज्य भर में प्रभावी तरीके से जागरुकता फैलाए। साथ ही पूछा कि नेपकिन की कीमत कम करने की दिशा में सरकार कौन से कदम उठाएगी। जस्टिस नरेश पाटील और जस्टिस नितिन सांब्रे की खंडपीठ ने कहा कि यह बेहद महत्वपूर्ण मामला जो देश की आधी आबादी को प्रभावित करता है। इसलिए सरकार नेपकिन की कीमत नियंत्रित करने को लेकर एक प्रभावी व्यवस्था बनाए।
अक्षय ने भी दी थी सलाह
इससे पहले पुणे में एक कार्यक्रम के दौरान अभिनेता अक्षय कुमार ने कहा था कि बदलते दौर में जब हाईजीन पर जोर दिया जा रहा है। ऐसे में आज भी 82 फीसदी महिलाएं पीरियड्स के दौरान सेनेटरी पैड्स का इस्तमाल नहीं करती। अक्षय ने कहा था कि ये उनकी व्यक्तिगत राय है कि महिलाओं को पैड्स मुफ्त में उपलब्ध कराने चाहिए।
Created On :   30 Jan 2018 7:40 PM IST