घोषणापत्र के लिए कांग्रेस ने ली जनता की राय, शहर में चर्चाओं का दौर

To return in the power, Congress is stepping up at  every level
घोषणापत्र के लिए कांग्रेस ने ली जनता की राय, शहर में चर्चाओं का दौर
घोषणापत्र के लिए कांग्रेस ने ली जनता की राय, शहर में चर्चाओं का दौर

डिजिटल डेस्क,नागपुर। देश की सत्ता में लौटने के लिए कांग्रेस हर स्तर पर अपने कदम बढ़ा रही है। आमतौर पर कांग्रेस चुनाव के पहले घोषणापत्र जारी कर कहती रही है कि वही देश को सही दिशा दे पायेगी। लेकिन इस बार कांग्रेस ने जनता को निर्णायक मानते हुए जनता की सहमति से ही चुनाव का घोषणापत्र तैयार करने का निर्णय लिया है। इसी निर्णय के तहत कांग्रेस की एक टीम सांसद राजीव सातव के नेतृत्व में शहर में कार्यकर्ताओं व जनता से संवाद साधेगी। राज्य में कांग्रेस की घोषणापत्र समिति का समन्वयक किशोर गजभिये को बनाया गया है। 29 व 30 अक्टूबर को शहर में जनता से संवाद साधा जायेगा। संवाद टीम में सांसद राजीव सातव के अलावा केंद्रीय कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य व छत्तीसगढ के लोकसभा सदस्य ताम्रध्वज साहू, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अनुसूचित जाति मोर्चा के अध्यक्ष डॉ.नितीन राऊत, प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता राजू वाघमारे उपस्थित रहेंगेे। गजभिये ने कहा है कि जनता से चर्चा कर यह जानने का प्रयाय किया जायेगा कि वे सबसे अधिक किस मुद्दे को लेकर सत्ता परिवर्तन करना चाहते हैं। 

नेताओं में समन्वय का प्रयास
घोषणापत्र के लिए जनसंवाद के साथ ही कांग्रेस नेताओं में समन्वय का प्रयास किया जाएगा। राज्य में कांग्रेस में जिला स्तर पर विविध गुट है। नागपुर में तो गुटबाजी के कारण संगठनात्मक कार्यों को भी गति नहीं मिल पायी है। यहां प्रदेश अध्यक्ष अशोक चव्हाण को कांग्रेस के गुटों की ओर से चुनौती मिल रही है। राज्य में कांग्रेस के 2 लोकसभा सदस्य हैं। अशोक चव्हाण व राजीव सातव। दोनों नेताओं में भी समन्वय नहीं है। चव्हाण मुख्यमंत्री रहे हैं। वे अपने तरीके से संगठन को गति देने का प्रयास कर रहे हैं, सातव व अन्य नेता केंद्र के नेताओं से मिलकर राज्य में अन्य गुटों के नेताओं के साथ समन्वय कर रहे हैं। सातव,अखिल भारतीय युवक कांग्रेस के अध्यक्ष रहे हैं। वे कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी नेताओं में गिने जाते हैं। नितीन राऊत भी चव्हाण विरोधी है। राऊत ने अन्य नेताओं के साथ मिलकर चव्हाण को हटाने के लिए दिल्ली में लाबिंग की थी। उसके बाद भी उन्हें कांग्रेस अनुसूचित जाति मोर्चा का अध्यक्ष बनाया गया। कुछ दिनों पहले नागपुर में असंतुष्ट गुट का सम्मेलन हुआ था। पूर्व सांसद नाना पटोले के नेतृत्व में विदर्भ के असंतुष्ट कांग्रेस नेता एक मंच पर आए थे। ताम्रध्वज साहू भी छत्तीसगढ से आकर उस सम्मेलन में शामिल हुए थे। माना रहा है कि घोषणापत्र को लेकर संवाद कार्यक्रम के बहाने पार्टी के सभी असंतुष्ट नेताओं को एकजुट करने का प्रयास चल रहा है। 

 

Created On :   29 Oct 2018 8:30 AM GMT

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