मराठा समाज के विधायकों की बैठक आज, विधानमंडल में पेश होगी पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट

Today Meeting of all-party legislators of Maratha society
मराठा समाज के विधायकों की बैठक आज, विधानमंडल में पेश होगी पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट
मराठा समाज के विधायकों की बैठक आज, विधानमंडल में पेश होगी पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट

डिजिटल डेस्क, मुंबई। राज्य की फडणवीस सरकार मराठा आरक्षण देने के लिए तैयार है पर यह आरक्षण कानून की कसौटी पर खरा उतरेगा, इसको लेकर समाज में संशय है। इस बावत् सभी दलों के मराठा विधायक गुरुवार को मुंबई में बैठक करेंगे। मंत्रालय के सामने स्थित यशवंतराव चव्हाण सभागार में सर्वदलिए मराठा विधायकों की बैठक में आरक्षण को लेकर चर्चा होगी। बैठक में भाजपा, शिवसेना, कांग्रेस, राकांपा  सहित सभी दलों के मराठा विधायकों को आमंत्रित किया गया है। यह जानकारी मराठा क्रांति मोर्चा के समन्वयक गणेश काटकर ने दी। दरअसल मराठा समाज के लिए किस तरह आरक्षण लागू किया जाए इसको लेकर जानकारों में भी मतभेद हैं। न्यूज चैनलों और सोशल मीडिया के माध्यम से यह मतभेद सामने आया है। जिससे मराठा समाज के लोग आरक्षण को लेकर आशंकित हो गए हैं। इस संबंध में रणनीति बनाने के लिए मराठा समाज के सभी मंत्रियों, विधायकों को आमंत्रित किया गया है।

विधानमंडल में पेश होगी पिछड़ा वर्ग आयोग की रिपोर्ट
राज्य सरकार ने बांबे हाईकोर्ट को सूचित किया है कि मराठा आरक्षण को लेकर राज्य पिछडा आयोग की ओर से दी गई रिपोर्ट हमें मिल गई है। रिपोर्ट की कुछ सिफारिशों को मंत्रिमंडल ने स्वीकार किया है। अब इसको विधानमंडल के पटल पर रखने की दिशा में प्रक्रिया जारी है। बुधवार को सरकारी वकील अभिनंदन व्याज्ञानी ने हाईकोर्ट को यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल को आयोग की रिपोर्ट में दी गई सिफारिसे मिल चुकी हैं। सरकार अब रिपोर्ट की सिफारिशों के आधार पर आगे की रणनीति बना रही है।

सरकारी वकील से मिली इस जानकारी के आधार पर जस्टिस बीपी धर्माधिकारी व जस्टिस सारंग कोतवाल की बेंच ने मराठा आरक्षण से जुड़ी सभी याचिकाओं को समाप्त कर दिया। इस दौरान बेंच ने कहा कि सरकार व आयोग ने इस मामले को लेकर कोर्ट की ओर से दिए गए आदेशों के तहत कदम उठाए जा चुके है। इसलिए अब इस याचिका पर आगे सुनवाई की जरुरत नहीं महसूस होती है। इसलिए याचिका को खत्म किया जाता है। बेंच ने साफ किया कि यदि भविष्य में रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद कोई खुद को प्रभावित महसूस करता है तो वह कोर्ट में याचिका दायर कर सकता है।

गौरतलब है कि मराठा आरक्षण को लेकर कई याचिकाएं साल 2014-15 में उस समय दायर की गई थी जब कांग्रेस व राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सरकार ने मराठा समुदाय को सरकारी नौकरी व शैक्षणिक संस्थानों में 16 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय किया था। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद सरकार के इस निर्णय पर रोक लगा दी थी। इस बीच सामाजिक कार्यकर्ता विनोद पाटील ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि राज्य पिछड़ा आयोग को को एक निश्चित समय-सीमा के भीतर मराठा समुदाय के आरक्षण के मुद्दे को लेकर अपनी  रिपोर्ट सौपने का निर्देश दिया जाए। बेंच के सामने पाटील के वकील ने कहा कि याचिका का उद्देश्य पूरा हो गया है लिहाजा इसे समाप्त कर दिया जाए।
 

Created On :   21 Nov 2018 8:36 PM IST

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