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कामुक इरादे के बगैर आठ साल की बच्ची के गाल स्पर्श करना अपराध नहीं: हाईकोर्ट
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बगैर कामुक इरादे के नाबालिग के गाल को स्पर्श करना यौन हमले के अपराध के दायरे में नहीं आता है। बांबे हाईकोर्ट ने यह बात आठ साल की बच्ची के गाल को छूने के आरोप में जुलाई 2020 से जेल में बंद एक 46 साल के आरोपी को जमानत देते हुए स्पष्ट किया है।
चिकन सेंटर चलाने वाले आरोपी के खिलाफ पीड़ित बच्ची की मां ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। अपनी शिकायत में मां ने दावा किया था कि उसकी बेटी जब आरोपी की दुकान पर गई थी तो आरोपी ने दुकान के भीतर उसकी बेटी के गाल को छुआ था। पुलिस ने पीड़ित बच्ची की मां की शिकायत के आधार पर आरोपी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 354 व बाल यौन संरक्षण कानून (पाक्सों) की विभिन्न धाराओं के तहत 29 जुलाई 2020 को मामला दर्ज कर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। तब से जेल में बंद आरोपी ने हाईकोर्ट में जमानत के लिए आवेदन दायर किया था।
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न्यायमूर्ति एस के शिंदे के सामने आरोपी के जमानत पर सुनवाई हुई। मामले से जुड़े तथ्यों व सबूतों का आंकलन करने के बाद न्यायमूर्ति ने कहा कि मेरे मतानुसार बिना कामुक आशय के बच्ची के गाल को छूना पाक्सो कानून की धारा 7 में उल्लेखित अपराध के दायरे में नहीं आता है। न्यायमूर्ति ने कहा कि मेरी यह राय सिर्फ आरोपी के जमानत आवेदन तक सीमित है। इसका मुकदमे की सुनवाई से संबंध नहीं है। इस प्रकरण से जुड़े सबूत यह नहीं दर्शाते हैंकि आरोपी ने कामुक आशय से पीड़ित नाबालिग के गाल को छुआ था। इसके अलावा आरोपी जुलाई 2020 से हिरासत में है। मामले को लेकर पुलिस की जांच पूरी हो चुकी है और आरोपी के खिलाफ आरोपपत्र भी दायर कर दिया गया है। इस तरह से न्यायमूर्ति ने मामले से जुड़े सभी पहलूओं पर गौर करने के बाद आरोपी को 25 हजार रुपए के मुचलके पर जमानत प्रदान कर दी।
Created On :   28 Aug 2021 12:51 PM GMT