बारिश के बीच पर्यटक स्थलों में प्रकृति के सौंदर्य का नजारा देखने पहुंच रहे पर्यटक

Tourists arriving to see the beauty of nature in tourist places amid rain
बारिश के बीच पर्यटक स्थलों में प्रकृति के सौंदर्य का नजारा देखने पहुंच रहे पर्यटक
मप्र के खूबसूरत पर्यटन स्थल बारिश के बीच पर्यटक स्थलों में प्रकृति के सौंदर्य का नजारा देखने पहुंच रहे पर्यटक

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा, आशीष जैन। बारिश के दिनों में जिले के पर्यटक स्थलों की सुंदरता बढ़ गई है। चारों ओर हरियाली से प्रकृति का अनुपम सौंदर्य निखर आया है। वहीं वर्षा के चलते पहाडियों पर कल-कल करते झरने तेजी से बहते हैं, जो सैलानियों को अपनी ओर आकर्षित कर रहे हैं। यही कारण है कि इन दिनों पर्यटक स्थलों पर पर्यटकों का सैलाब उमड़ रहा है। पातालकोट एवं तामिया में प्राकृतिक सौंदर्य का नजारा देखने रोजाना बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं।

              

कोहरे से ढंकी वादियों से यहां प्रकृति का अद्भुत रुप नजर आ रहा है। बारिश के चलते इन दिनों माचागोरा डैम में कुछ गेट खोले जा रहे हैं। यहां पर भी बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं। जिले के जलप्रपातों में कुकड़ीखापा जलप्रपात पर्यटकों की पहली पसंद होता है। बारिश के बीच इस जलप्रपात का नजारा देखने सैलानियों का सैलाब उमड़ रहा है। इसके अलावा अलमोद जलप्रपात, सतधारा सहित अन्य पर्यटक स्थलों में बड़ी संख्या में पर्यटक पहुंच रहे हैं।

बारिश में निखरा कुकड़ीखापा जलप्रपात का सौंदर्य

बारिश के सीजन में सिल्लेवानी पर्वत श्रृंखला में स्थित कुकड़ीखापा जलप्रपात का सौंदर्य निखर गया है। हरियाली से भरपूर क्षेत्र में स्थित कुकड़ीखापा जलप्रपात में लगभग ६० फीट की ऊंचाई से जलधारा गिरती है। सड़क मार्ग के साथ ही यहां रेलमार्ग से भी पहुंचा जा सकता है।  जिले के विभिन्न पर्यटक स्थलों पर ट्रैकिंग कर चुके मोहित सूर्यवंशी बताते हैं कि रेलमार्ग से कुकड़ीखापा रेलवे स्टापेज से जलप्रपात तक पहुंचने के लिए लगभग एक किमी का रास्ता तय करना हेाता है।

जंगल के बीच से जाने वाला यह रास्ता एडवेंचर एवं ट्रैकिंग के शौकीनों को पसंद आता है। केंद्रीय विद्यालय के शिक्षक हिमांशु जायसवाल बताते हैं कि कुकड़ीखापा जलप्रपात जुलाई से फरवरी माह तक दर्शनीय रहता है। पहाड़ी झरना होने के कारण इसके बाद आमतौर पर इसकी जलधारा सूख जाती है। पर्वतारोही नीरज डेहरिया का कहना है कि जिले की विभिन्न नदियों पर दो दर्जन से अधिक जलप्रपात बनते हैं।

यह रखें सावधानी

जानकारों के अनुसार कुकड़ीखापा के छोटे झरने की जलधारा जिस चट्टान पर गिरती है, वहां पर एक कुंड है, जो पानी में नजर नहीं आता है। डॉ. गौरव अरोरा का कहना है कि जिले में कुछ दिनों से लगातार हो रही बारिश के चलते नदियां उफान पर हैं। कुकड़ीखापा में भी जलस्तर बहुत बढ़ गया है।

ऐसे में पर्यटकों को वॉटरफाल से पर्याप्त दूरी पर रहें, फोटो-सेल्फी लेते समय सावधानी रखें। नदी का बहाव तेज होने पर उसे पार करने से भी बचना चाहिए। प्रशांत सिंह बैस का कहना है कि कुकड़ीखापा रेलवे स्टापेज से जलप्रपात तक के रास्ते में जंगल का क्षेत्र भी आता है। ऐसे में ग्रुप में ही इस रास्ते का उपयोग करना बेहतर है। जलप्रपात की ऊंचाई करीब 60 फीट है जो छिंदवाड़ा से 33 किमी की दूरी पर स्थित है।

कैसे पहुंचे
 

रेल मार्ग: छिंदवाड़ा-नागपुर रेलमार्ग में, उमरानाला एवं रामाकोना रेलवे स्टेशन के बीच स्थित कुकड़ीखापा रेलवे स्टापेज के समीप स्थित है। 

सड़क मार्ग:-छिंदवाड़ा-नागपुर सड़क मार्ग पर स्थित उमरानाला के समीप ग्राम लास अथवा बिछुआ तिराहे से तथा रामाकोना से पहुंचा जा सकता है।

Created On :   17 Aug 2022 10:46 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story