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एक अक्टूबर से अभयारण्य के कोर इलाके की सैर कर सकेंगे टूरिस्ट

डिजिटल डेस्क,नागपुर। बारिश के कारण जंगल सफारी में कोर इलाका बंद था। लेकिन अब 1 अक्टूबर से सफारियों के कोर क्षेत्र खुल रहे हैं। वहीं ऐसे गेट भी खोले जा रहे हैं, जो बारिश के कारण बंद थे। ऐसे में अब सैलानी जंगल सफारी का आनंद ले सकेंगे। क्योंकि कोर क्षेत्र में ज्यादातर बाघ आदि वन्यजीवों के दर्शन होते हैं। हालांकि, सैलानियों को वन विभाग के कुछ नियमों का पालन करना होगा।
कोरोना के चलते बंद थी सफारियां
कोरोना संक्रमण के कारण लंबे समय से जंगल सफारियां बंद थीं। वन विभाग ने बारिश में इन जंगल सफारियांे को खोल दिया था। हालांकि, सैलानियों को केवल बफर जोन में ही घुमाया जाता था, जो जंगल का बाहरी क्षेत्र होता है। चूंकि, बारिश में कोर इलाके में सड़कें काफी खराब रहती हैं। जिप्सी ले जाना संभव नहीं होता था। जिसके चलते बफर जोन में सैलानियों को बाघ के दर्शन कम ही हो पाते थे, लेकिन अब पर्यटकों के लिए 1 अक्टूबर से पेंच व्याघ्र प्रकल्प, बोर व्याघ्र प्रकल्प व उमरेड-पवनी-करांडला अभयारण्य के कोर क्षेत्र खोले जा रहे हैं।
15 अक्टूबर तक ऑफलाइन सफारी
पेंच व्याघ्र प्रकल्प के सिल्लारी, खुर्सापार, चोरबाहुली, कोलितमारा, सुरेवानी, खुबाड़ा, पवनी पर्यटन गेट, बोर व्याघ्र प्रकल्प के बोरधरण गेट व उमरेड-पवनी-करांडला व गोठनगांंव पर्यटन गेट 1 अक्टूबर से 15 अक्टूबर ऑफलाइन पद्धति से वाहन क्षमता अनुसार उपलब्ध रहेंगे। बोरधरण पर्यटन गेट की वाहन क्षमता कम कर फिलहाल 12 की गई है। वहीं अड़ेगांव पर्यटन गेट बारिश के कारण गेट की ओर जानेवाला मुख्य मार्ग बंद होने से अगले आदेश तक बंद रहेगा। उमरेड-पवनी-करांडला अभयारण्य के पवनी पर्यटन गेट 15 से 31 अक्टूबर तक ऑफलाइन पद्धति से पर्यटन के लिए उपलब्ध रहेंगे।
ऑनलाइन सफारी बुकिंग 16 से
पर्यटकों को ऑनलाइन सफारी बुकिंग सुविधा 16 अक्टूबर से उपलब्ध रहेगी। पवनी (भंडारा) पर्यटन गेट की ऑनलाइन बुकिंग सुविधा 1 नवंबर से उपलब्ध रहेगी। सिल्लारी पर्यटन संकुल के निवास व्यवस्था 1 अक्टूबर से ऑफलाइन और ऑनलाइन बुकिंग के लिए पर्यटकों को उपलब्ध रहेगी। सिल्लारी पर्यटन संकुल की निवास की व्यवस्था 1 अक्टूबर से ऑफलाइन उपलब्ध रहेगी।
Created On :   25 Sept 2021 2:26 PM IST