बंदिशों के साथ छूट से नाराज हैं व्यापारी, हाईकोर्ट जाने की तैयारी में

Traders are angry with the exemption with restrictions, preparing to go to the High Court
बंदिशों के साथ छूट से नाराज हैं व्यापारी, हाईकोर्ट जाने की तैयारी में
बंदिशों के साथ छूट से नाराज हैं व्यापारी, हाईकोर्ट जाने की तैयारी में

डिजिटल डेस्क,नागपुर।  राज्य सरकार ने व्यापार में छूट तो प्रदान की, लेकिन व्यापारियों के अनुसार यह नाकाफी है। इस आदेश में केवल व्यापार करने के लिए समय सीमा 8 बजे तक बढ़ाई गई है, जबकि होटल, रेस्टोरेंट, मंगल कार्यालय आदि व्यवसायियों को किसी भी प्रकार की छूट नहीं दी गई है। इसी बात पर विचार-विमर्श करने और आगे की रणनीति बनाने के लिए मंगलवार को ‘सरकार जगाओ, व्यापार बचाओ’ संघर्ष समिति के पदाधिकारियों की सभा एनवीसीसी कार्यालय परिसर में बुलाई गई। सभा में व्यापारियों ने सभी पहलुओं पर विचार किया और अंत में आंदोलन को और उग्र करने का निर्णय लिया है। राज्य सरकार के निर्णय के खिलाफ व्यापारी अब कोर्ट का दरवाजा खटखटाने जा रहे हैं। 

एक-दो दिन में निर्णय लेंगे
एक दो दिन में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने पर भी निर्णय लिया जाएगा। बैठक में सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों जैसे रेस्तरां, होटल, बार, शराब की दुकानों, मंगल कार्यालय, कैटरर्स, इवेंट मैनेजमेंट कंपनियों, टेंट और डेकोरेटर्स, थिएटर, कलाकार, मनोरंजन उद्योग, कोचिंग क्लास आदि के प्रतिनिधि उपस्थित थे। संघर्ष समिति के संयोजक दीपेन अग्रवाल ने कहा कि सरकार ने वायरस की अनुमानित 3आरडी लहर को रोकने के अपने प्रयास में आतिथ्य, मनोरंजन, शिक्षा और जुड़े क्षेत्रों के साथ घोर अन्याय किया है। ये क्षेत्र अर्थव्यवस्था में बड़े पैमाने पर रोजगार पैदा करते हैं और उन्हें पिछले 16 महीनों से सरकार की ओर से बिना किसी मदद के अपने संचालन को ठप रखने के लिए मजबूर होना पड़ा।  इसलिए संघर्ष समिति तब तक आराम नहीं करेगी, जब तक वह सरकार को अपना आदेश वापस लेने पर मजबूर नहीं कर देगी। शहर में कोरोना मरीजों की संख्या नहीं के बराबर है, ऐसे में सरकार ने अर्थव्यवस्था के सभी क्षेत्रों को उपयुक्त रूप से काम करने देना चाहिए।

कानूनी समिति का किया गठन
लंबी चर्चा के बाद समिति के सदस्यों ने एक कानूनी समिति का गठन करने का फैसला किया, जिसमें जसबीर (मिकी) अरोड़ा, भवानी शंकर दवे, राजीव जायसवाल, दिनेश नायडू और अधिवक्ता संजय के अग्रवाल को नामित किया। यह समिति भारत के संविधान के तहत संरक्षित भेदभाव, विशेष वर्ग में अन्यायपूर्ण वर्गीकरण, असमान व्यवहार और मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ बॉम्बे उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगी। जसबीर अरोड़ा ने बताया कि समिति जल्द ही इस मामले में उच्च न्यायालय जाने के लिए वरिष्ठ वकीलों से मुलाकात करेगी।

जनप्रतिनिधियों के आवास भी घेरेंगे
सदस्यों ने आंदोलन को तेज करने का भी फैसला किया और सरकार और प्रशासन के अतार्किक कार्यों और चूक के प्रति अपनी नाराजगी को उजागर करने के लिए कई विकल्पों पर चर्चा की। व्यापारियों ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ जनप्रतिनिधियों का उनके आवास या कार्यालय में घेराव करने का निर्णय लिया। 

 

Created On :   4 Aug 2021 11:01 AM GMT

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