पीढ़ियों से चली आ रही परंपरा, बच्चों का झूठ-मूठ रचाया जाता है विवाह 

Tradition going on for generations, marriage of children is done falsely
पीढ़ियों से चली आ रही परंपरा, बच्चों का झूठ-मूठ रचाया जाता है विवाह 
अमरावती पीढ़ियों से चली आ रही परंपरा, बच्चों का झूठ-मूठ रचाया जाता है विवाह 

डिजिटल डेस्क, धारणी (अमरावती)।  क्षेत्र में अच्छी बरसात की कामना को लेकर मेलघाट वासी इंद्र देव को मनाने पूजा अर्चना कर रहे हैं। अच्छी बरसात हुई तो फसल भी अच्छी उगेगी और जलसंकट से भी निजात मिलेगी। इसलिए मेलघाट के अधिकांश गांवों में भवई पूजा की जा रही है। मानसून की बेरूखी के कारण किसानों को संकट का सामना करना पड़ता है। मेलघाट में नदियाें का पानी भी सूखने लगा है। बनाए गए बांध का भी जलस्तर घटने से किसानों को सिंचाई की समस्या निर्माण हो गई है।

हर साल जलसंकट गहराने से पानी के लिए भटकना पड़ता है। इसलिए इसवर्ष मानसून में किसानों को किसी भी प्राकृतिक आपदा का सामना ना करना पड़े और अच्छी बरसात की कामना को लेकर लिए गुरुवार को धारणी तहसील के माेगर्दा गांव में भवई पूजा की गई। अच्छी बारिश होने के लिए छोटे बच्चों का झूठ-मूठ का विवाह रचाया जाता है। गुड्डा-गुडि्डयों की खेल की तरह विवाह रचाया जाता है। गाजे बाजे के साथ बारात निकाली जाती है। इसी परंपरा को मेलघाट वासियों ने बरकरार रखा है। गुरुवार को मोगर्दा गांव से धूमधाम से गाजे-बाजे साथ बारात निकली। बारात में सभी गांववालों शामिल हुए। दुल्हा-दुल्हन बने बच्चे और बारातियों ने सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। गांव से कावरा नदी बहती है।  बारात कावरा नदी पर पहंुचने पर वहां पारंपरिक नृत्य और गीत प्रस्तुत किए गए। इसके पश्चात सभी को भोजन करवाया गया। इसके बाद बारात मोगर्दा के पुलिस पटेल सोहनलाल धुर्वे के निवास पहंुची। जहां नाच-गाना करने के बाद सभी अपने घर लौट जाते हंै।
 

Created On :   3 Jun 2022 1:39 PM IST

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