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एनआईटी की बहाली के बाद अब हस्तांतरण का पेंच

डिजिटल डेस्क, नागपुर। नागपुर सुधार प्रन्यास (एनआईटी) को बर्खास्त करने के बाद राज्य सरकार ने फिर उसकी बहाली कर दी है। 9 अप्रैल को इस संबंध में आदेश जारी किया गया है। बहाली आदेश के बाद महानगरपालिका को हस्तांतरित की गई योजनाएं फिर से एनआईटी को लौटाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है, लेकिन इसमें अब गुंठेवारी ले-आउट का पेंच फंसता दिख रहा है।
नागरिकों को होगा नुकसान
सरकार द्वारा परिपत्रक में सिर्फ 7 योजनाएं नासुप्र को हस्तांतरित करने का आदेश दिया गया है। सरकारी भाषा के अनुसार, अधिकारियों ने अब इसका अपने हिसाब से अर्थ निकाला है। अधिकारियों ने अनुसार, 7 योजनाओं में जो भी गुंठेवारी ले-आउट आ रहे हैं, योजना सहित वे सब नासुप्र को हस्तांतरित किए जाएंगे। लेकिन योजनाओं के बाहर जो गुंठेवारी है, उसका परिपत्रक में कोई उल्लेख नहीं है। इसलिए योजनाएं के बाहर के ले-आउट एनआईटी को हस्तांतरित नहीं किए जाएंगे। इसका सीधा असर गुंठेवारी ले-आउट के विकास पर हो सकता है। उनके नियमितिकरण की प्रक्रिया अटक सकती है। नागरिकों को भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है। ऐसे में एक बार फिर मनपा और एनआईटी में टकराव के संकेत मिल रहे हैं।
ठाकरे सरकार का आदेश
फडणवीस सरकार ने अपने कार्यकाल में एनआईटी को बर्खास्त करने का निर्णय लिया था। इसे मंत्रिमंडल की सैद्धांतिक मंजूरी के बाद आदेश भी जारी किया गया था, लेकिन 2019 में ठाकरे की महाविकास आघाडी सरकार अस्तित्व में आते ही एनआईटी बर्खास्तगी पर रोक लगा दी थी। रोक लगाते हुए मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इसकी जानकारी मांगी थी। तब तक एनआईटी ने मनपा को गुंठेवारी ले-आउट समेत अन्य 7 योजनाएं हस्तांतरित कर दी थी। इस बीच ठाकरे सरकार ने 9 अप्रैल को गैजेट नोटिफिकेशन और शासन परिपत्रक जारी कर एनआईटी को पहले की तरह नियोजन प्राधिकरण के अधिकार देते हुए उसकी बहाली के आदेश दिए थे।
इन स्थानों पर है ऐसी जगह
इस आदेश के बाद मनपा को हस्तांतरित सभी 7 योजनाएं एनआईटी को वापस करने को कहा गया। इन 7 योजनाओं में पूर्वी औद्योगिक क्षेत्र सड़क योजना, इतवारा स्टेशन रोड सड़क योजना, सीताबर्डी (पश्चिम) विकास योजना, अभ्यंकर रोड व बुटी महल सड़क योजना, वाठोडा विस्तारित आवास योजना (नई), शिवणगांव जयताला टाउनशिप (नई), हरित पट्टी नियंत्रण योजना शामिल है। इन योजनाओं में कुछ गुंठेवारी है, लेकिन योजनाओं के बाहर बड़े पैमाने पर गुंठेवारी की जगह है। पत्र में कहीं भी गुंठेवारी शब्द का उल्लेख नहीं है। सरकारी अधिकारी अब अपने-अपने विवेक के अनुसार अर्थ निकाल रहे हैं। मनपा का मानना है कि पत्र में कहीं भी गुंठेवारी शब्द का उपयोग नहीं किया गया है। इसलिए 7 योजनाओं में जहां-जहां गुंठेवारी की जगह है, उसे एनआईटी को हस्तांतरित किया जाएगा। इन 7 योजनाओं के बाहर जो गुंठेवारी है, उसे एनआईटी को हस्तांतरित नहीं किया जाएगा।
7 योजनाओं में जो-जो हैं, वह हस्तांतरित होगा
शासन पत्र में 7 योजनाओं को उल्लेख है। इन 7 योजनाओं में जो-जो होगा, चाहे वह गुंठेवारी हो या कुछ और, वह एनआईटी को हस्तांतरित करने की प्रक्रिया शुरू है। लेकिन योजनाओं के बाहर जो गुंठेवारी की जगह है, उसका कहीं उल्लेख नहीं है। इसलिए उसे नहीं दिया जाएगा। -हर्षल गेडाम, सहायक आयुक्त, नगर रचना विभाग, मनपा
Created On :   24 May 2021 11:45 AM IST