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नागपुर डेंटल में बढ़े बच्चों के ट्रॉमा केस, स्कूल शुरू होते ही बीमार पड़ रहे बच्चे

डिजिटल डेस्क, नागपुर। कोविड के दौर में पूरी तरह लॉकडाउन लगा दिया गया था। उस दौरान स्कूल और कॉलेज भी बंद हो गए थे। सड़कों पर निकलना भी बंद हो गया था। इस कारण अस्पतालों में दुर्घटनाग्रस्त मरीजों की संख्या घट गई थी। जैसे ही अनलॉक शुरू हुआ अस्पताल में दुर्घटनाग्रस्त मरीज और ट्रॉमा मरीज अधिक हो गए थे। इसी तरह 8 फरवरी से शहर में स्कूल शुरू किए गए। शुरू होने के बाद बाल दंत रोग विभाग में बच्चों के ट्रॉमा केस भी बढ़ गए हैं।
लॉकडाउन में एक भी मरीज नहीं थे
शासकीय दंत चिकित्सा विभाग अस्पताल में मरीजों की संख्या फिर से सामान्य हो रही है। कोविड के कारण दंत रोग विभाग को हाई रिस्क जोन में रखा गया था, लेकिन अब अनलॉक होने और कोविड महामारी का असर थोड़ा कम होने के कारण मरीजों की संख्या पहले की तरह हो रही है। हाल ही में 8 फरवरी से स्कूल शुरू हुए थे। इसके बाद बाल दंत रोग विभाग में ट्रॉमा यानी चोट लगना या खेल के दौरान दुर्घटना के मरीज बढ़ गए हैं। लॉकडाउन में इस विभाग में एक भी मरीज नहीं थे, लेकिन अब स्कूल शुरू होने के बाद दिन में रोजाना 2 से 3 मरीज आते हैं। इसी तरह अब 15 फरवरी से यानी सोमवार से कॉलेज भी शुरू हो चुके हैं। इसके कारण भी दंत अस्पताल के अन्य विभागों के मरीजों की संख्या बढ़ने की संभवना है।
बाल दंत रोग विभाग में 2 से 3 मरीज रोजाना
बाल दंत रोग विभाग में 13 साल तक की उम्र के बच्चों का इलाज होता है। इसमें औसतन 10 साल की उम्र के बच्चों में ट्रॉमा केस ज्यादा हैं। इसमें बच्चों के गिरने पर होंठ कटना और जीभ कटने जैसी समस्याएं भी होती हैं। स्कूल शुरू होने के बाद बच्चों का साइकिल से स्कूल जाना, स्कूल में खेलकूद और अन्य गतिविधियां शुरू हो गई हैं। ऐसे में कई बार बच्चे गिर जाते हैं, दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं। बच्चों को जबड़े या मुंह पर चोट लगने पर बाल दंतरोग विभाग में इलाज कराना होता है। इसके कारण विभाग में संख्या बढ़ी।
बच्चों के ट्रॉमा केस बढ़े हैं
स्कूल शुरू होनेे के बाद बच्चों के ट्रॉमा केस बढ़े हैं। गिरने या खेलकूद के दौरान चोट के बाद बच्चे आ रहे हैं। इसमें 10 साल की उम्र के बच्चे अधिक हैं। हमारी ओपीडी में 2 से 3 केस अा ही रहे हैं। इसके अनुसार शहर के अन्य निजी अस्पतालों और क्लीनिक में भी इस तरह के केस बढ़े होंगे।
-डॉ. रितेश कलसकर, विभागाध्यक्ष, बाल दंत रोग विभाग
Created On :   16 Feb 2021 1:49 PM IST