कोरोनारोधी टीके की दोनों खुराक ले चुके लोगों को मिले यात्रा अनुमति 

Travel permission given to people who have taken both doses of anti-coronavirus vaccine
कोरोनारोधी टीके की दोनों खुराक ले चुके लोगों को मिले यात्रा अनुमति 
कोरोनारोधी टीके की दोनों खुराक ले चुके लोगों को मिले यात्रा अनुमति 

डिजिटल डेस्क, मुंबई । कोरोना का दोनों टीका ले चुके लोगों को लोकल ट्रेन से यात्रा की अनुमति देने के बारे में स्पष्टता न होने को लेकर बांबे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। कोर्ट ने कहा कि मुंबई की तुलना राज्य के किसी शहर से नहीं कर सकते हैं। यह विशेष जरुरतों वाला शहर है। जिसका एक अलग स्वभाव व अलग रंग है। अदालत ने पूछा कि सरकार लोकल ट्रेन से यात्रा को लेकर विशेषज्ञों की कमेटी क्यों नहीं बनाती है। ताकि लोगों को बार-बार कोर्ट न आना पड़े। इस दौरान कोर्ट ने पत्रकारों को लोकल ट्रेन से यात्रा की इजाजत न होने की बात जानने के बाद हैरानी जाहिर की।

मुख्य न्यायाधीश दीपानकर दत्ता व न्यायमूर्ति गिरीष कुलकर्णी की खंडपीठ ने कहा कि सरकार लोगों को कोरोनारोधी दोनों टीके लग चुके हैं, ऐसे लोगों की पहचान कर उन्हें एक अलग कॉमन कार्ड जारी करने पर विचार करे। जिससे वे बिना रोकटोक के यात्रा कर सके और अपने काम पर जा सके। कोर्ट ने कहा कि सरकार को दोनों टीके ले चुके लोगों को लोकल ट्रेन से यात्रा करने की अनुमति देने पर विचार करना ही चाहिए। खंडपीठ ने कहा कि हम 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मना रहे हैं ऐसे में हम अपेक्षा करते हैं कि 16 अगस्त को कोरोना के चलते यात्रा को लेकर लगाई गई पाबंदियों से भी स्वतंत्र हो जाएंगे। 

अलग मिजाज का शहर है मुंबई
खंडपीठ ने कहा कि आप मुंबई की तुलना राज्य के किसी अन्य शहर से नहीं कर सकते। यह अलग मिजाज व खास जरुरतों वाला शहर है। यह अलग स्वभाव व अलग रंग-रुप वाला शहर है। खंडपीठ ने पत्रकारों को लेकल ट्रेन से यात्रा की अनुमति न होने की बात जानने के बाद हैरानी जाहिर की। खंडपीठ ने कहा कि पत्रकार लोकतंत्र के एक स्तंभ हैं। आवश्यक सेवा में शामिल होने के बावजूद पत्रकारों को यात्रा की अनुमति न होना हैरानीपूर्ण है। खंडपीठ के सामने पत्रकारों, वकीलों क्लर्क व कोरोना का दोनों टीका ले चुके लोगों को यात्रा की अनुमति दिए जाने की मांग को लेकर दायर कई जनहित याचिकाओं पर सुनवाई चल रही है। इससे पहले राज्य के महाधिवक्ता आशुतोष कुंभकोणी ने कहा कि राज्य के आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से वकीलों व क्लर्कों को लोकल ट्रेन में यात्रा के लिए आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से पत्र जारी किया जाएगा। जिससे उन्हें ट्रेन का पास उपलब्ध हो सकेगा।

दलील को सुनने के बाद खंडपीठ ने कोविड टास्क फोर्स से जुड़े डाक्टर शशांक जोशी के साक्षात्कार का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार को जिन्हें टीका लग चुका है, उनकी पहचान करने की दिशा में कदम उठाना चाहिए। यह कार्ड पहचानपत्र के रुप में भी काम करेंगे।  खंडपीठ ने कहा कि कुछ पश्चिमी देशों में कॉमन कार्ड जारी करना आम बात है।   इस दौरान एडिशनल सॉलिसिटर जनरल अनिल सिंह ने कहा कि वे कामन कार्ड के खंडपीठ के सुझाव को लेकर केंद्र सरकार से चर्चा करेंगे। खंडपीठ ने फिलहाल महाराष्ट्र सरकार को मामले को लेकर 12 अगस्त 2021 को हलफनामा दायर करने को कहा है। जिसमें सरकार को दोनों टीका ले चुके लोगों को यात्रा की अनुमति देने की सरकार की योजना का खुलासा करने के लिए कहा गया है।

 

Created On :   5 Aug 2021 6:27 PM IST

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