4000 वृक्ष काटे , अजनी वन कटाई की आपत्ति पर अब वृक्ष प्राधिकरण करेगा सुनवाई

Tree authority will now hear on the objection of cutting 4000 trees, Ajni forest cutting
4000 वृक्ष काटे , अजनी वन कटाई की आपत्ति पर अब वृक्ष प्राधिकरण करेगा सुनवाई
4000 वृक्ष काटे , अजनी वन कटाई की आपत्ति पर अब वृक्ष प्राधिकरण करेगा सुनवाई

डिजिटल डेस्क,नागपुर।  अजनी वन कटाई का विरोध करती जनहित याचिका पर बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने स्पष्ट किया है कि इतनी जल्दी इस मामले में हाईकोर्ट का दखल देना ठीक नहीं है, क्योंकि याचिकाकर्ता द्वारा उठाई गई आपत्ति पर सुनवाई के लिए मनपा वृक्ष प्राधिकरण उपलब्ध है। ऐसे में याचिकाकर्ता पहले वृक्ष प्राधिकरण के समक्ष सुनवाई पूरी करें। इस निरीक्षण के साथ न्या.सुनील शुक्रे और न्या.अनिल किल्लोर की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी। 

यह है असली मुद्दा 
उल्लेखनीय है कि अजनी में इंटरमॉडल स्टेशन बनाने के लिए अजनी क्षेत्र के करीब 4000 वृक्ष काटे जाएंगे। याचिकाकर्ता श्वेता भुरभुरे व अजय तिवारी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर इसका विरोध किया है। इस तरह स्वच्छ फांडेशन ने इस प्रोजेक्ट में पर्यावरण मंजूरी का मुद्दा उठाया है। हाईकोर्ट ने दोनों याचिकाओं पर बुधवार को एकत्र सुनवाई ली। याचिकाकर्ता के अनुसार इंटर मॉडल स्टेशन के लिए वन विभाग से कोई पर्यावरण मंजूरी नहीं ली गई है। केंद्र सरकार ने रेलवे को छूट दे रखी है, लेकिन छूट केवल रेलवे लाइन के आस-पास की जमीन के इस्तेमाल के लिए है। यदि प्रोजेक्ट में व्यावसायिक और रिहायशी इमारतें शामिल हों, तो पर्यावरण मंजूरी लेना अनिवार्य है।

अदालत को बताई कई विरोधाभासी बातें 
याचिकाकर्ता के अधिवक्ता एम.अनिल कुमार ने वृक्ष समिति के गठन पर आपत्ति ली कि समिति में कम से कम दो विशेषज्ञ होने चाहिए, लेकिन वर्तमान समिति में कोई भी विशेषज्ञ नहीं है। इसी तरह हर 5 वर्ष में वृक्षों की गणना होनी चाहिए, जबकि वर्ष 2011 में आखिरी बार वृक्ष गणना हुई थी। इसी के आधार पर यह पूरा प्रोजेक्ट चलाया जा रहा है। वहीं यह दावा कि वृक्षों का ट्रांसप्लांटेशन किया जाएगा, यह भी गलत है, क्योंकि ट्रांसप्लांटेशन के लिए नई साइट तय ही नहीं है। वहीं वृक्ष अधिनियम में संशोधन के बाद यदि किसी प्रोजेक्ट में 200 से अधिक वृक्षों की कटाई प्रस्तावित हो तो इसकी सुनवाई राज्य वृक्ष समिति करेगी न कि मनपा की वृक्ष समिति। लेकिन हाईकोर्ट ने मामले में सभी पक्षों को सुनने के बाद वृक्ष प्राधिकरण की सुनवाई तक कोई भी आदेश जारी करने से इनकार कर दिया। स्वच्छ फाउंडेशन की ओर से एड.आर. ताहलियानी ने पक्ष रखा। 

Created On :   8 July 2021 9:56 AM IST

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