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कई तहसीलों में बिना किसी अनुमति के काटे जा रहे मनरेगा में लगाए गए पेड़

डिजिटल डेस्क, अमरावती । अमरावती जिले में सभी 14 तहसीलों में इन दिनों पेड़ों की कटाई का सिलसिला जोरों पर चल रहा है। विशेष बात यह है कि महाराष्ट्र रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत लगाए गए पेड़ों को ही बिना प्रशासन की अनुमति हासिल किए काटा जा रहा है। जिसको लेकर स्वयं स्थानीय ग्रामपंचायतों के सदस्यों द्वारा ही शिकायतें दर्ज कराई गई है। जिसके बाद तहसीलदार व उपविभागीय अधिकारियों की ओर से जांच किए जाने के आदेश दिए गए है। जानकारी के अनुसार सरपंच पद का कार्यभार संभालते ही कई सरपंचों ने अपनी पंचायत क्षेत्रों में इस तरह की अवैध कटाई के लिए कुछ माफियाओं को छूट दे रखी है।
इस कारण बड़े पैमाने पर मनरेगा अंतर्गत तैयार किए गए जंगलों की लूट हो रही है। इस तरह की कई शिकायतें अचलपुर, चिखलदरा, चांदुर बाजार, धामणगांव तथा मोर्शी के तहसील कार्यालयों में दी गई है। इन शिकायतों में अवैध रूप से पेड़ों की कटाई किए जाने का संपूर्ण विवरण भी सौंपा गया है। अलग-अलग तहसीलों में ग्रापं के अधिकार क्षेत्र में आनेवाली गांव की नर्सरी तथा स्मशान भूमि की आसपास की जगहों पर वर्ष 2010 से 2015 की समयावधि में महाराष्ट्र रोजगार गारंटी योजना अंतर्गत करीब 54 हजार पेड़ लगाए गए थे। इन पेड़ों को जीवित रखने के लिए भी शासन द्वारा काफी पैसे खर्च किए गए है। लेकिन पर्यावरण के नियमों को ताक पर रखकर पैसों की उगाई करनेवाले समूहों द्वारा धड़ल्ले से इन पेड़ों को काटा जा रहा है। जो मनरेगा के तहत किए गए कार्यों को लेकर प्रशासन की गंभीरता पर भी सवाल उठाने के लिए काफी है।
संरक्षण देना ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारी
मनरेगा के तहत लगाए गए पेड़ों को सुरक्षा देना ग्राम पंचायतों की जिम्मेदारी होती है। इसके बावजूद हमारे पास स्थानीय नागरिकों के अलावा पर्यावरणविदों की शिकायतें प्राप्त हुई है। इन शिकायतों के तहत जांच कर कार्रवाई की जाएंगी। -स्वप्निल मराठे, पंचायत विकास अधिकारी
Created On :   24 Jan 2022 1:37 PM IST