बिजली उपभोक्ताओं को जबरदस्त झटका , चुपके से बिजली महंगी

Tremendous shock to electricity consumers, electricity secretly expensive
बिजली उपभोक्ताओं को जबरदस्त झटका , चुपके से बिजली महंगी
बिजली उपभोक्ताओं को जबरदस्त झटका , चुपके से बिजली महंगी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महामारी की मार से पस्त बिजली उपभोक्ताओं को जबरदस्त झटका लगा है। बिल में प्रति यूनिट 46 पैसे की बढ़ोतरी कब हो गई, उपभोक्ताओं को पता ही नहीं चला। लॉकडाउन के दौरान सबके बिल ज्यादा आए तो खूब हो-हल्ला मचा। ऊर्जामंत्री नितीन राऊत से लेकर बिजली कंपनी ने भी खूब बचाव किया। लोग उम्मीद लगाए बैठे थे कि बिल माफ होगा। महीनों बीत जाने के बाद भी ऐसा कुछ नहीं हुआ। अब सामने आया है कि चुपके से बिजली महंगी कर आम उपभोक्ताओं पर अतिरिक्त बोझ डाल दिया गया। इससे सीधे तौर पर जिले के करीब 12 लाख 70 हजार उपभोक्ता प्रभावित हो रहे हैं। इस बढ़ोतरी से अगले 5 साल में महावितरण के खजाने में करीब 22 हजार 242 करोड़ रुपए आएंगे।

जिले के 12 लाख 70 हजार उपभोक्ताओं को लगा "करंट"
वहन शुल्क भी बढ़ा दिया : नई विद्युत दर में विद्युत वहन शुल्क में भी वृद्धि की गई है। पहले लघुदाब ग्राहकों से विद्युत वहन शुल्क प्रति यूनिट 1.28 रुपए की दर से वसूला जाता था। इसे बढ़ाकर 1.45 रुपए प्रति यूनिट कर दिया गया है। उच्चदाब ग्राहकों से विद्युत वहन शुल्क क्रमश: 15 पैसे, 37 पैसे व 76 पैसे वसूले जाते थे। इसे बढ़ाकर अब 57 पैसा कर दिया गया है। इस प्रकार विद्युत दर में वृद्धि का झटका कृषि पंप का उपयोग करनेवालों को छोड़ शेष सभी ग्राहकों को लगा है। यही नहीं, उच्चदाब ग्राहकों के लिए केवीएएच बिलिंग लागू किया गया है। इसका असर भी विद्युत ग्राहकों पर ही पड़ रहा है।

घाटा 20.54% 
पहले राज्य में विद्युत घाटा तकरीबन 30 फीसदी था। पिछले कुछ वर्षों में विद्युत वितरण प्रणाली में सुधार के बाद दावा किया गया कि घाटा कम होकर 14.70 फीसदी हो गया। हकीकत में घाटा अब भी 20.54 फीसदी ही है। विद्युत नियामक आयोग द्वारा इस तथ्य को स्वीकार किया गया है।

काट ली जेब
महाराष्ट्र विद्युत नियामक आयोग के आदेश को 1 अप्रैल से लागू किया गया। इस आदेश के तहत दावा किया गया था कि विद्युत दर में लगभग 7 फीसदी की कटौती की गई है, जबकि फरवरी-2020 से ही विद्युत बिल में ईंधन समायोजन शुल्क प्रति यूनिट 1.05 रुपए की दर से लगाया जाने लगा। इससे बिल प्रति यूनिट 6.85 रुपए के स्थान पर 7.90 रुपए हो गया। इसके बाद आयोग की ओर से बिजली दर 7.90 रुपए प्रति यूनिट से घटाकर 7.31 रुपए कर दी गई। साथ ही, यह दर्शाने का प्रयास किया गया कि दर में प्रति यूनिट 46 पैसे अर्थात 6.7 फीसदी की कटौती हुई है। हकीकत में विद्युत दर 6.85 रुपए से बढ़ाकर 7.31 रुपए कर दी गई।

गुमराह किया जा रहा है उपभोक्ताओं को
विद्युत उपभोक्ताओं को गुमराह किया गया है। आयोग द्वारा जारी आदेश के मुताबिक उच्चदाब उद्योगों के लिए प्रति यूनिट विद्युत दर 8.50 रुपए व लघुदाब उद्योगों के लिए 8.70 रुपए निर्धारित की गई है। यदि यह दर 7 रुपए प्रति यूनिट अथवा उससे कम की गई तो ही राज्य में उद्योगों के लिए विद्युत दर तुलनात्मक रूप से अन्य राज्यों से स्पर्धात्मक हो सकती है। घरेलू विद्युत ग्राहकों के लिए भी विद्युत दर में रियायत का विचार किया जाना चाहिए। - प्रताप होगाड़े, सचिव, महाराष्ट्र विद्युत ग्राहक संगठन

Created On :   2 Jan 2021 3:17 PM IST

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