- Home
- /
- आदिवासी विद्यार्थियों को नहीं रख...
आदिवासी विद्यार्थियों को नहीं रख सकते शिक्षा से वंचित

डिजिटल डेस्क, नागपुर। आदिवासी क्षेत्र के विद्यार्थियों की शिक्षा के महत्व पर जोर देते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने शिक्षिका के तबादला पर स्थगन देने से इनकार किया है। शिक्षिका का नाम मीना माेथारकर है। कुछ वर्ष पूर्व उनका अमरावती के चांदुर रेलवे की स्कूल से सद्राबाड़ी नामक आदिवासी क्षेत्र में तबादला हुआ। उन्होंने तबादले को हाईकोर्ट में चुनौती दी। दलील दी कि नियम के अनुसार महिला शिक्षक का तबादला आदिवासी क्षेत्र में नहीं किया जा सकता। उन्होंने 12 फरवरी 2018 के जीआर का भी हवाला दिया, लेकिन हाईकोर्ट ने सभी पक्षों को सुनने के बाद माना कि यह जीआर अतिदुर्गम क्षेत्र में महिलाओं को नियुक्ति न देने का नियम है, पर आदिवासी क्षेत्र में यह नियुक्ति की जा सकती है।
नौकरी ज्वाइन कर शिशु की देखभाल करने की दी सलाह
सद्राबाड़ी के स्कूल में 412 विद्यार्थी पढ़ रहे हैं। यहां गणित और विज्ञान विषय के शिक्षकों की जरूरत है। उनके भविष्य का विचार करते हुए यहां शिक्षकों की नियुक्ति किसी भी कारण से रोकी नहीं जा सकती। शिक्षिका कुछ दिन के लिए प्रसूति अवकाश पर थी। शिशु के लालन-पालन के लिए उन्होंने यह तबादला कुछ दिनों के लिए स्थगित करने की प्रार्थना कोर्ट से की थी, लेकिन हाईकोर्ट ने उन्हें नौकरी ज्वाइन करके शिशु की देखभाल करने की सलाह दी है। कोर्ट ने टिप्पणी की है कि शिशु के पालन-पोषण के लिए आदिवासी विद्यार्थियों को उनके अधिकार वंचित नहीं रखा जा सकता।
Created On :   15 April 2021 3:39 PM IST