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इंश्योरेंस वाला ट्रक चोरी , मालिक को मिलेगा 21 लाख का मुआवजा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग ने अपने हालिया आदेश में स्पष्ट किया है कि वाहन के इंश्योरेंस से जुड़े मामलों में वाहन का फिटनेस सर्टिफिकेट केवल यह सुनिश्चित करने के लिए होता है कि वाहन क्षतिग्रस्त है या नहीं। अगर इंश्योरेंस की अवधि में ऐसा कोई वाहन चोरी हो जाता है, जिसका फिटनेस सर्टिफिकेट एक्सपायर हो गया हो, तो भी वाहन मालिक को मुआवजा देना जरूरी है। मुआवजा देने के आदेश आयोग ने शहर के रामनगर स्थित मैगमा एचडीआई रेनेरल इंश्योरेंस को आदेश दिया है कि वह ट्रक मालिक नरेंद्र नगर निवासी राधेश्याम इंगोले को 21 लाख रुपए ब्याज सहित बतौर वाहन का मुआवजा स्वरूप अदा करे। इसी तरह शिकायतकर्ता इंगोले को शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना के लिए 25 हजार रुपए और मुकदमे के खर्च के प्रतिपूर्ति स्वरूप 10 हजार रुपए अदा करने के आदेश दिए गए हैं। इस प्रकरण में इंगोले की ओर से एड. नीरजा चौबे ने पक्ष रखा।
यह था मामला
शिकायतकर्ता ने किंग्स-वे स्थित सुंदरम् फायनेंस की मदद से ट्रक खरीदा था। फायनेंस कंपनी ने इंगोले के इस वाहन के लिए सिविल लाइंस स्थित जयका इंश्योरेंस एंड ब्रोकरेज प्रा. लि.मि. के जरिए मैगमा एचडीआई रेनेरल इंश्योरेंस से 21 फरवरी 2014 से 21 फरवरी 2015 तक की अवधि के लिए 21 लाख रुपए का इंश्योरेंस कराया। वाहन का फिटनेस सर्टिफिकेट मार्च 2014 में एक्सपायर हो गया। उन्होंने इसके नवीनीकरण के लिए आरटीओ में आवेदन किया।12 मई 2014 की रात को नरेंद्र नगर स्थित इंगोले के निवास से ट्रक चोरी हो गया। उन्होंने अजनी पुलिस थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई। इधर इंगोले ने 16 जुलाई 2014 को इंश्योरेंस कंपनी को सभी दस्तावेजों के साथ एक आवेदन किया।
यह तर्क देकर क्लेम सेटल नहीं किया
इंश्योरेंस कंपनी ने उनका क्लेम सेटल नहीं किया। कंपनी ने तर्क दिया कि वाहन का फिटनेस सर्टिफिकेट एक्सपायर हो जाने के कारण वे प्रतिपूर्ति नहीं दे सकते। ऐसे में इंगोले ने राज्य उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में इसकी शिकायत की। अपने बचाव में गैर-प्रतिवादियों ने तर्क दिया कि क्लेम में शिकायतकर्ता ने सारे जरूरी दस्तावेज नहीं जोड़ें और फिटनेस सर्टिफिकेट भी एक्सपायर हो गया था। ऐसे में उनका यह क्लेम मंजूर नहीं किया जा सकता।
Created On :   19 Sept 2018 11:29 AM IST