बालाघाट और खंडवा में कर्ज से परेशान किसानों ने मौत को गले लगाया

Two farmers troubled by debt sucide in Balaghat and Khandwa district
बालाघाट और खंडवा में कर्ज से परेशान किसानों ने मौत को गले लगाया
बालाघाट और खंडवा में कर्ज से परेशान किसानों ने मौत को गले लगाया

डिजिटल डेस्क बालाघाट । कर्ज से परेशान एक किसान ने जहर पीकर जान दे दी। मामला बालाघाट जिले के वारासिवनी इलाके के कासपुर गांव का है। आत्महत्या करने वाले  किसान के ऊपर 1.55 लाख कर्ज बताया गया है, जिसे वह चुका नहीं पा रहा था । कर्ज से परेशान होकर उसने मौत को गले लगा लिया। मृतक किसान का नाम धन्नालाल पिता विनोबा भोपटे था। पुलिस ने डेड बॉडी को कब्जे में लेकर जांच पड़ताल शुरू कर दी है। किसान आंदोलन के चलते मृतक किसान के घर पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। किसान की मौत की खबर मिलते ही पुलिस और प्रशासन के अधिकारी उनके घर पर पहुंच गए। खंडवा में भी एक किसान ने आत्महत्या की है।

छोटे बेटे से हुई थी 31 मई को लड़ाई 
-धन्नालाल के भतीजे ने बताया कि उनके ऊपर करीब 1 लाख 55 हजार रुपए का कर्ज था। यह कर्ज उन्होने पंजाब नेशनल बैंक से किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) के जरिए लिया था, लेकिन फसल अच्छी न होने की वजह से वह कर्ज चुका नहीं पा रहे थे।
- भतीजे राहुल बोपचे ने बताया कि कर्ज के दबाव से परेशान किसान की अपने छोटे बेटे से लड़ाई हुई थी, इसके बाद उन्होने जहर खा लिया था, जिनकी उपचार के दौरान दो जून को मौत हो गई। मृतक किसान के पास सिर्फ 5 एकड़ जमीन है। 

एक बेटा नागपुर में नौकरी करता है
- किसान धन्नालाल के दो बेटे है। दोनों बेटे अलग रहते है। बड़ा बेटा अपने परिवार के साथ नागपुर में रहता है। धन्नालाल पत्नी के साथ छोटे बेटे राजेंद्र बोपचे के साथ रहता था। 30 मई को बड़ा बेटा आया था। बताया जा रहा है कि 31 मई को रात 10 बजे धन्नालाल ने कुछ पी लिया। उसे वारासिवनी से जिला अस्पताल रेफर किया था। जहां एक जून को रात धन्नालाल की मौत हो गई। 

खंडवा में भी किसान ने दी जान 
उधर खंडवा में भी कर्ज के बोझ में दबे एक किसान के खुदकुशी करने का समाचार है। पुलिस ने बताया कि 55 साल के जयपाल सिहं पिता हरीसिंह के ऊपर काफी कर्ज था। जिससे परेशान हो कर उसने जहर पी लिया। मृतक पुरानी पुर्नवास का रहने वाला था। मृतक के पुत्र ने बताया कि उनके ऊपर सोसायटी और बैंक के अलावा निजी कर्जदाताओं का  कर्ज भी था। जिसकी वजह से उसे अपमानित होना पड़ता था।

Created On :   2 Jun 2018 9:42 AM GMT

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