नागपुर में बिखरी गंगा-जमुनी तहजीब की छटा, कवियों ने जमाया रंग

Two languages spread Indian culture in a poetic stage
नागपुर में बिखरी गंगा-जमुनी तहजीब की छटा, कवियों ने जमाया रंग
नागपुर में बिखरी गंगा-जमुनी तहजीब की छटा, कवियों ने जमाया रंग

डिजिटल डेस्क, नागपुर। एक मंच दो भाषाएं, हिंदी और उर्दू, गंगा जमुनी तहजीब और देशभक्ति की भावना से भरी कविताओं ने दर्शकों का खासा समां बांधा। इस दौरान एक के बाद एक शेर, नज़्म और गज़लें पेश की गई। जिससे यह शाम वतन के नाम समर्पित रही। आज़ादी की पूर्व संध्या पर प्रफुल्ल फाउंडेशन ने खास कार्यक्रम का आयोजन किया था। जिसमें काव्य गोष्ठी और मुशायरे ने रंग जमा दिया। समारोह में हिंदी और उर्दू के जाने माने कवि एक मंच पर जुटे। जिन्होंने अपने कलाम से वीर शहीदों को याद किया गया।

जश्न-ए-आजादी के मौके पर सजी खूबसूरत शाम को कार्यक्रम की अध्यक्ष मधु गुप्ता ने यादगार बनाया। कार्यक्रम की सदारत शायर जनाब ज़फर कलीम साहब ने की। प्रमुख अथिति हमीद अंसारी साहब थे। विशेष अथिति के रूप में विदुषी शीला भार्गव और राष्ट्र पत्रिका के सर्वेसर्वा कृष्ण नागपाल थे। कार्यक्रम का संचालन आकाशवाणी की उद्घोषिका सुरभि सिंह ने की। जबलपुर से पधारे ज़नाब मनन फराज ने रचनाएं पेश की।

प्रतापगढ़ उत्तर प्रदेश से पधारे नौजवान शायर जमील असगर और आर्वी से पधारे शायर ज़नाब मोहम्मद अफजल दीवा ने ग़ज़लें पेश की। सभी ने एक से बढ़कर एक कलाम सुनाए। जनाब जफर कलीम साहब की खूबसूरत शायरी और रचनाओं ने कार्यक्रम में उपस्थित लोगो को लाजवाब कर दिया। अतिथियों का स्वागत मधु गुप्ता ने शाल और पुष्प गुच्छ देकर किया। इसके बाद अरविंद गुप्ता ने सभी का आभार व्यक्त किया ।
 

Created On :   20 Aug 2018 7:06 PM IST

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