छोटे से गांव में पहुंची शिक्षा की बयार, बेटियों के साथ माता-पिता भी कर रहे पढ़ाई

two sisters at Kurkheda in Gadchiroli district persuaded their parents to get education
छोटे से गांव में पहुंची शिक्षा की बयार, बेटियों के साथ माता-पिता भी कर रहे पढ़ाई
छोटे से गांव में पहुंची शिक्षा की बयार, बेटियों के साथ माता-पिता भी कर रहे पढ़ाई

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शिक्षा की कोई उम्र नहीं होती, माता-पिता को यह बात समझाते हुए गड़चिरोली जिले के कुरखेड़ा में दो बहनों ने अपने साथ अपने माता-पिता को भी शिक्षा के लिए राजी किया । बता दें कुरखेड़ा क्षेत्र में जुलाई 2017 में अपना स्टडी सेंटर शुरू किया। इस स्टडी सेंटर में आस-पास के दुर्गम गांव के विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। इनमें से कुछ गांव तो ऐसे हैं, जहां बमुश्किल 40 से 50 परिवार रहते हैं। इन विद्यार्थियों से बात करें, तो अधिकांश विद्यार्थी सामाजिक क्षेत्र में आगे बढ़ना चाहते हैं। इस सेंटर पर क्षेत्र की ही निवासी गौरी उइके बतौर कॉर्डिनेटर कार्य कर रही है। उनके प्रयासों से ही अब तक इस स्टडी सेंटर पर कुल 468 विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। इनमें से 62 विद्यार्थी बैचलर इन सोशल वर्क की पढ़ाई कर रहे हैं। इग्नू इन विद्यार्थियों का उपयोग क्षेत्र में विविध सामाजिक कार्यों में कर रहा है।

उच्च शिक्षा के लिए जाना पड़ता है 170 कि.मी दूर
अत्याधिक निर्धन परिवारों से ताल्लुक रखने वाले वाले ये विद्यार्थी स्कूल तक की पढ़ाई तो गांव में कर लेते हैं, किंतु उच्च शिक्षा के लिए इन्हें 150 किमी दूर गड़चिरोली शहर जा पाना संभव नहीं हो पाता। इस पर भी अगर छात्राएं हों, तो 12वीं कक्षा के बाद पढ़ाई बंद ही समझिए। लेकिन क्षेत्र में इग्नू का केंद्र खुलने के बाद उनके लिए शिक्षा की राह और आसान हो गई है। यहां अधिकांश विद्यार्थी बैचलर्स प्रिपरेट्री प्रोग्राम, बीए और बीएसडब्ल्यू जैसे पाठ्यक्रमों की शिक्षा ले रहे हैं। उन्नत भारत अभियान के तहत केंद्र के 82 विद्यार्थी देश के विविध शहरो में डाटा एंट्री, अकाउंटेंसी और ब्यूटीशियन क्षेत्र में काम कर रहे हैं। 

रंग ला रहा प्रयास
कुरखेड़ा में स्टडी सेंटर खुलने के बाद सर्वाधिक सुविधा महिलाओं के लिए हुई है। छात्राओं को अब कुरखेड़ा से दूर जाकर कॉलेज नहीं जाना पड़ता। वे न केवल कुरखेडा स्टडी सेंटर पर पढ़ रही हैं, बल्कि वर्षों पूर्व पढ़ाई छोड़ चुके अपने माता-पिता को भी फिर से पढ़ने को प्रेरित कर रही हैं। इस केंद्र पर हमारी मुलाकात बीए द्वितीय वर्ष की शिक्षा ले रही 45 वर्षीय जयश्री मडावी से हुई। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी भी उनके साथ बीए की पढ़ाई कर रही है। पहले बेटी ने यहां प्रवेश लिया और बाद में उन्हें भी यहां प्रवेश लेने को प्रेरित किया। उनके प्रयासों के कारण ही 12वीं तक पढ़ाई कर चुके उनके पति ने भी बीए में दाखिला लिया है। इसी तरह प्रियंका जाडे और उनकी बहन गायश्री जाडे भी एक साथ यहां बीए की पढ़ाई कर रहे हैं। स्कूल में शिक्षा अधूरी छोड़ चुकी उनकी माता उषा जाडे को भी उन्होंने यहां के बीपीपी कोर्स में दाखिला दिलाया है। 

Created On :   21 Nov 2018 12:12 PM IST

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