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अयोध्या से लौटे उद्धव, विपक्ष का तंज- हमें लगा मंदिर बनाकर ही आएंगे

डिजिटल डेस्क, मुंबई। अयोध्या दौरे से लौटने के बाद शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मोताश्री में शिवसेना प्रमुख दिवंगत बालासाहब ठाकरे की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर आशीर्वाद लिया। रविवार को दोपहर में उद्धव दो दिवसीय अयोध्या के दौरे के बाद मुंबई लौटे। शिवसेना के नेता व प्रदेश के परिवहन मंत्री दिवाकर रावते और सांसद विनायक राऊत ने मुंबई हवाई अड्डे पर उनका स्वागत किया। इसके बाद वे अपने आवास मातोश्री के लिए रवाना हुए। मातोश्री में पहुंचने के बाद उद्धव ने पार्टी नेताओं की मौजूदगी में बालासाहब ठाकरे की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित करके उनको नमन किया। हवाई अड्डे पर उद्धव के स्वागत के लिए शिवसेना के कार्यकर्ता बड़ी संख्या में मौजूद थे। कार्यकर्ताओं ने भगवा झंडा लहराते हुए ढोल बजाकर उद्धव का स्वागत किया। इस दौरान मुस्लिम समाज के शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने कहा कि हमें अच्छा लगा कि उद्धव अयोध्या के दौरे पर गए। उन्होंने वहां शांति का संदेश दिया। मुस्लिम समाज के लोग भी उनके साथ हैं।
उधर विधान सभा में विपक्ष के नेता राधाकृष्ण विखे पाटील ने शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे के अयोध्या दौरे पर जमकर निशाना साधा। रविवार को विखे पाटील ने कहा कि उद्धव ने पार्टी की दशहरा रैली में भाजपा की आलोचना करते हुए कहा था कि निर्लज्जों राममंदिर तुम बनाओगे या हम बनाएं। इसलिए उद्धव के दो दिवसीय दौरे को लेकर कई लोगों को लग रहा था कि वे अयोध्या जाने के बाद राम मंदिर के निर्माण का शुभारंभ किए बिना मुंबई में नहीं लौंटेगे। लेकिन उद्धव का अयोध्या दौरा ऐसा लगा कि वे केवल सहपरिवार तीर्थयात्रा पर गए थे। विखे पाटील ने कहा कि उद्धव का दौरा मतलब शिवसेना का एक स्टंट है। स्टंट करने में शिवसेना भाजपा से पीछे नहीं है। यह पार्टी ने साबित करने की कोशिश की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह से जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ बनारस के गंगा घाट पर आरती की थी। ऐसी ही आरती शरयू नदी के तट पर करने की जिद को उद्धव ने अयोध्या दौरे में पूरी कर ली।
विखे पाटील ने आरोप लगाया कि उद्धव अयोध्या जाने के बाद राम मंदिर निर्माण पर यू टर्न ले लिया। उन्होंने कहा कि मंदिर बनाने की घोषणा करने वाली शिवसेना ने अयोध्या में केंद्र सरकार से पूछा कि राम मंदिर कब बनेगा। इसकी तारीख बताइए। विखे पाटील ने कहा कि उद्धव ने अयोध्या में जाकर कहा कि मैं कुंभकरण को जगाने आया हूं। लेकिन सवाल यह है कि वे कुंभकरण किसको कह रहे हैं। यदि वे सरकार को कुंभकरण कह रहे होंगे तो केंद्र और राज्य दोनों जगहों पर शिवसेना सरकार में शामिल है। वे खुद सत्ता में होते हुए सरकार को कैसे जगाएंगे। विखे पाटील ने कहा कि शिवसेना ने पहले मंदिर, फिर सरकार का नारा दिया है लेकिन शिवसेना की परिस्थिति यह है कि पहले सरकार, फिर मंदिर। विखे पाटील ने कहा कि प्रदेश में अनेक समस्याएं हैं। सूखे की भयानक स्थिति के कारण लोग गांव छोड़ रहे हैं। जानवरों को चारा और पानी नहीं है। किसान आत्महत्या कर रहे हैं। ऐसी परिस्थिति में लोगों को राहत दिलाने के बजाय दौरे का इवेंट करना जनता के साथ विश्वासघात है। शिवसेना की विश्वसनीयता खत्म हो गई है। पार्टी अंतिम सांस ले रही है। इसलिए राम-राम करना पड़ रहा है। पार्टी का अस्तिस्व टिकाए रखने के लिए अंतिम संघर्ष है।
शिवसेना के मंत्रियों ने अपने इस्तीफें के कागज की नाव बनाकर सरयू में प्रवाहित कर दिया
विधान सभा में विपक्ष के नेता विखे पाटील ने शिवसेना के मंत्रियों पर इस्तीफे को लेकर तंस कसा है। रविवार को विखे पाटील ने कहा कि शिवसेना के मंत्रियों ने शनिवार को अयोध्या में सरयू के तट पर आरती के बाद अपने इस्तीफे के कागज की नाव बनाकर नदी में प्रवाहित कर दिया है। इसमें से कुछ कागज की नाव सोमवार को अयोध्या के नागरिकों को मिली है। इस तरह की जानकारी मेरे पास है। इससे पहले भाजपा से विवाद के बाद शिवसेना के मंत्रियों ने दावा किया था कि हम मंत्री पद का इस्तीफा जेब में लेकर घूमते हैं।
Created On :   25 Nov 2018 8:14 PM IST