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ऑनलाइन शराब बिक्री की बजाय सूखाग्रस्तों को पहुंचाओ मदद- ठाकरे

डिजिटल डेस्क, मुंबई। लोगों के घरों तक ऑनलाइन ऑर्डर पर शराब की बोतल पहुंचाने संबंधी प्रस्ताव पर प्रदेश के आबकारी मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले के स्पष्टीकरण के बाद भी शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने राज्य सरकार पर हमला बोला है। उद्धव ने कहा कि सरकार को शराब की बोतलें पहुंचाने की अपेक्षा राज्य के सूखा प्रभावितों को तत्काल मदद पहुंचानी चाहिए। एक बयान जारी कर उद्धव ने कहा कि घर पर शराब पहुंचाने का मामला हास्यास्पद और धक्कादायक है। उन्होंने कहा कि ऑनलाइन शराब बेचना प्रदेश की संस्कृति को शोभा नहीं देता। उद्धव ने कहा कि मराठवाड़ा में सूखे की परिस्थिति भयानक होती जा रही है। प्रदेश सरकार के मंत्री सूखा प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं। मंत्री सूखे के स्थिति की रिपोर्ट देंगे। फिर राज्य सरकार केंद्र से मदद के लिए याचना करेगी। लेकिन सूखा प्रभावितों को दोबारा कतार में खड़े कर मत मारिए। उन्हें शराब नहीं बल्कि मदद की जरूरत है। इससे पहले ऑनलाइन शराब बेचने के प्रस्ताव पर सरकार की कड़ी आलोचना के बाद मंत्री बावनकुले ने यू-टर्न ले लिया था। रविवार को नागपुर में बावनकुले ने स्पष्ट किया था कि ऑनलाइन शराब बेचने के लिए राज्य सरकार की कोई नीति नहीं है। मुंबई में कुछ दुकानदार व्हाट्एप के माध्यम से शराब बेचने के लिए बुकिंग कर रहे थे। व्हाट्सएप पर आर्डर मिलने के बाद घर पर शराब की बोतल पहुंचाई जाती हैं। इस संबंध में सरकार के पास एक आवेदन आया है। संबंधित आवेदन के बारे में सरकार ने कोई विचार नहीं किया है। अभी तक ऑनलाइन शराब बेचने के बारे में सरकार ने कोई नीति तैयार नहीं की है।
ऑनलाइन शराब बिक्री कि खबरे कपोल-कल्पित - मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुलढाणा में कहा कि राज्य सरकार ने आनलाईन शराब की बिक्री का फैसला कभी नहीं लिया। इस बारे में पूरी तरह से मनगढंत खबरें प्रकाशित की गई। इसके आधार पर चर्चा भी शुरू हो गई। लेकिन सरकार के पास कोई ऐसा कागज नहीं है जिसमें यह फैसला लिया गया हो। मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी दुकानदार ने घर पर शराब पहुंचाने की अनुमति मांगी थी। लेकिन सरकार ने इस बारे में कोई फैसला नहीं लिया। इस तरह के फैसले लेने की कोई जरूरत भी नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुझे कभी- कभी ऐसा लगता है कि न जाने कितनी मनगढ़ंत खबरें छाप दी जाती हैं। जिससे उस विषय पर देश भर में चर्चा शुरु हो जाती है। लेकिन सरकार से पूछा भी नहीं जाता कि क्या ऐसा कोई फैसला लिया गया है?
Created On :   16 Oct 2018 1:23 PM IST